प्रदर्शन: पीएचडी फेलोशिप परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप, कई विद्यार्थियों ने छोड़ी परीक्षा
- परीक्षा रद्द कर सभी आवेदकों को फेलोशिप देने की मांग करते हुए प्रदर्शन
- पीएचडी फेलोशिप परीक्षा
- परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सारथी, बार्टी और महाज्योति द्वारा पीएचडी फेलोशिप के लिए ली गई परीक्षा एक बार फिर विवादों में आ गई। परीक्षा देने पहुंचे कई विद्यार्थियों ने यह कहते हुए विरोध प्रदर्शन किया कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है और प्रश्नपत्र का एक सेट सील नहीं था। नाराज विद्यार्थियों ने पुणे में सारथी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। नागपुर परीक्षा केंद्र में भी इसी तरह का विवाद हुआ और कई विद्यार्थियों ने पेपर लीक होने का दावा करते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया और इसे रद्द करने की मांग की।
पुणे केंद्र पर परीक्षा देने पहुंचे सुशील सेजुल ने कहा कि मुझे जो प्रश्नपत्र मिला था वह सील नहीं था। इसके अलावा प्रश्नपत्रों के अलग-अलग सेट में देखने पर ही फर्क नजर आ रहा था इसलिए मैंने परीक्षा न देने का फैसला किया। मेरे साथ सैकड़ों परीक्षार्थियों ने इसका बहिष्कार किया। बता दें कि राज्य सरकार ने सारथी, बार्टी और महाज्योति के जरिए सिर्फ 200-200 विद्यार्थियों को पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप देने का फैसला किया है, जबकि विद्यार्थी मांग कर रहे हैं कि आवेदन करने वाले सभी विद्यार्थियों को फेलोशिप दी जाए।
पहले भी हो चुका है विवाद
10 दिन पहले भी परीक्षा ली गई थी लेकिन इस दौरान विद्यार्थियों को जो प्रश्नपत्र दिया गया था वह साल 2019 का ही प्रश्नपत्र था। विवाद के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई। अब दूसरी बार भी विवाद जारी रहा। राकांपा (शरद गुट) के प्रवक्ता अमोल मतेले ने कहा कि इस परीक्षा को लेकर लगातार विवाद हो रहा है ऐसे में सरकार को पहले की तरह रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी विद्यार्थियों को फेलोशिप देना चाहिए।
नहीं लीक हुआ पेपर: सेट कोआर्डिनेटर
विवाद और हंगामे के बाद महाराष्ट्र राज्यस्तरीय पात्रता परीक्षा (सेट) की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ है। कोआर्डिनेटर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 10 जनवरी को पुणे, कोल्हापुर, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर के परीक्षा केंद्रों पर 10 से 11 बजे के बीच परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र के चार सेट ए, बी, सी, डी तैयार किए गए थे। दो-दो सेट की छपाई अलग-अलग मुद्रणालयों से की गई, इसलिए उनमें अंतर दिख रहा है। पेपर लीक होने के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।