पुणे पोर्श हिट एंड रन मामला: दो गाड़ियों में रेस की वजह से हुआ हादसा, मंत्रालय के छठवें फ्लोर से बोले- नाना पटोले

  • सरकार द्वारा गठित जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट
  • दो गाड़ियों में रेस की वजह से हुआ हादसा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-29 16:22 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. पुणे पोर्श कार हिट एंड रन मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। इस मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग के बाद कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने अब एक और सनसनीखेज दावा किया है। पटोले ने कहा कि दरअसल यह हादसा दो गाड़ियों की रेस के चलते हुआ है। रेस लगा रही दोनों गाड़ियों में कौन-कौन युवक सवार थे, इसको लेकर राज्य सरकार को तत्काल खुलासा करना चाहिए। पटोले ने इस मामले में गिरफ्तार डॉ. अजय तावरे की जान को खतरा बताया है। पटोले ने इस मामले के तार मंत्रालय के छठवें फ्लोर से भी जुड़े होने की बात कही है।

पटोले ने कहा कि गिरफ्तार किए गए नाबालिग के साथ एक विधायक का लड़का भी था, जिसका खुलासा वह अगले कुछ दिनों में करेंगे। पुलिस के पास इस मामले से संबंधित पूरी जानकारी है लेकिन वह इसे दबा रही है। उधर राज्य सरकार द्वारा गठित समिति की अध्यक्ष डॉ. पल्लवी सापले ने बुधवार को चिकित्सा मंत्री हसन मुश्रीफ से मुलाकात की और घटना की जानकारी दी।

ब्लड सैंपल बदलने के मामले में सौंपी रिपोर्ट

नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने को लेकर गठित समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट बुधवार को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर को सौंप दी है। मुंबई के जेजे अस्पताल की अधिष्ठाता (डीन) डॉ.पल्लवी सापले की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच के लिए मंगलवार को ससून अस्पताल का दौरा किया। इस दौरे के दौरान समिति ने 19 मई को ड्यूटी पर हाजिर सभी कर्मचारियों का बयान दर्ज किया। जिन दो डॉक्टरों पर खून बदलने का आरोप लगा है उनका बयान समिति ने नहीं दर्ज किया है।

डीन ने सप्ताह भर तक कोई कार्रवाई नहीं की

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में डीन पर भी उंगली उठाई है। जांच में समिति ने हादसे को हुए सप्ताहभर बाद भी इस मामले में ससून अस्पताल के डीन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की बात अपनी जांच में पाई है।

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड जांच के घेरे में

नाबालिग आरोपी को 300 शब्दों का निबंध लिखने की शर्त पर जमानत देने वाला किशोर न्याय बोर्ड (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) जांच के घेरे में आ गया है। महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास विभाग ने फैसला देने वाले सदस्य की जांच के लिए समिति बनाई है। समिति यह जांच करेगी कि बोर्ड मेंबर डॉ. लक्ष्मण दानवडे ने जमानत देते समय तय नियमों का पालन किया या नहीं।

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