अदालत: 15 वर्षीय गर्भवती को बॉम्बे हाई कोर्ट से गर्भपात की इजाजत, दुष्कर्म की शिकार
- शिवाजी नगर पुलिस ने पॉक्सो मामले में टेलर को किया गिरफ्तार
- टेलर के दुष्कर्म की शिकार हुई नाबालिग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दुराचार की शिकार 15 वर्षीय नाबालिग को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली है। जे.जे.अस्पताल सोमवार को अदालत में 28 सप्ताह की गर्भवती नाबालिग की मेडिकल पेश की, जिसके आधार पर अदालत ने उसे गर्भपात की इजाजत दे दी है। 58 वर्षीय टेलर ने नाबालिग को दुराचार का शिकार बनाया था। शिवाजी नगर पुलिस ने उसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) के मामले में उसे गिरफ्तार किया है।
न्यायमूर्ति कमल खाता और न्यायमूर्ति श्याम सी.चांडक की खंडपीठ के समक्ष को 15 वर्षीय पीड़िता की मां की ओर से वकील समीर खतीब और वकील हैदर की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील समीर खतीब ने दलील दी कि नाबालिग 28 सप्ताह की गर्भवती है। पड़ोस में रहने वाले टेलर ने उसके साथ दुराचार किया। आरोपी ने नाबालिग को डराया-धमकाया था कि यदि उसने किसी को बताई, तो वह उसे मार देगा। जब उसकी तबीयत खराब हुई, तो उसकी मां डाक्टर के पास ले गई। डाक्टर ने पीड़िता की मां को बताया कि वह गर्भवती है। मां ने इसकी शिकायत शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में की।
पुलिस ने टेलर के खिलाफ मामला उसे गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता की मां ने उसे जे.जे.अस्पताल में ले गयी, तो पता चला कि वह 28 सप्ताह की गर्भवती है। अस्पताल ने बिना अदालत की इजाजत के गर्भपात करने से मना कर दिया। इसके बाद उसकी मां ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने जे.जे.अस्पताल में नाबालिग की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। सरकारी वकील द्वारा सोमवार को अदालत में जे.जे.अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई। अदालत ने रिपोर्ट के आधार पर नाबालिग को गर्भपात की इजाजत दे दी।