जबलपुर: ग्राम पंचायत की दीवीर पर लिखें कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी के नंबर

  • कलेक्टर ने दिए निर्देश कहा- 15 जनवरी से 29 फरवरी तक चलेगा
  • कोई भी परेशानी हो तो नम्बरों से संबंधित अधिकारी से बात कर सकेें
  • लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनें और निराकरण करें

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-13 11:58 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। राजस्व न्यायालयों में पेंडिंग सीमांकन, नामांतरण, परिसीमन और बँटवारा के प्रकरणों का तेजी से निराकरण किया जाए। कोई भी केस बिना किसी ठोस वजह के पेंडिंग नहीं रहना चाहिए। गाँवाें के पंचायत कार्यालयों की दीवारों पर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी के नाम दर्ज किए जाएँ, ताकि किसी भी समस्या के लिए ग्रामीण परेशान न हों, बल्कि सीधे कॉल करें।

उपरोक्त निर्देश कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि नए राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज करें, नक्शा सुधार, पीएम किसान का सेच्युरेशन एवं समग्र का आधार से ई-केवायसी और खसरे की समग्र और आधार से लिंकिंग सहित आम जन की राजस्व संबंधी समस्याओं का निराकरण करना है। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी तक पटवारी अपने ग्राम पंचायतों में भूमि के रिकाॅर्ड सम्बंधी बी-1 का वाचन करें।

पटवारी के मुख्यालय गाँव में रहने के लिये दिन निश्चित हो जाएँ और यह उस गाँव के पंचायत की दीवार पर उल्लेखित हो, जिसमें उसके नाम व नम्बर भी अंकित रहें। इसके साथ-साथ कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदार के नाम व नम्बर भी ग्राम पंचायतों की दीवार पर अंकित किये जाएं, ताकि आम जन को कोई भी परेशानी हो तो वह तुरंत उक्त नम्बरों से संबंधित अधिकारी से बात कर सकेें।

कॉल अटेंड करने की नसीहत-

कलेक्ट्रेट के अधिकारियों में एक बीमारी है और वह यह है कि वे मोबाइल अटेंड नहीं करते। इसे देखते हुए कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे धैर्य के साथ फोन अटेंड अवश्य करें। यदि किसी करणवश फोन अटेंड नहीं कर पाते हैं तो कॉल बैक कर उनकी समस्याएँ जानें। फोन अटेंड कर लेने से लोगों की प्राय: आधी समस्याएँ वैसे ही दूर हो जाती हैं। लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनें और निराकरण करें।

करेंगे गाँवों का दौरा-

कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि 15 जनवरी से वे नियमित रूप से गाँवों के भ्रमण पर रहेंगे और इस दौरान वे ग्रामीणों से भी पूछेंगे कि उनके पास कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार व पटवारी का नम्बर है या नहीं।

अत: अधिकारी अपने वाट्सएप नम्बर क्षेत्र में सर्कुलेट करें, ताकि आमजन से सीधा संपर्क रखने में सुगमता हो।

उन्होंने कहा कि आरआई सर्किल स्तर पर 15 दिन में एक बैठक कर क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करें।

दूरस्थ क्षेत्र के एसडीएम व तहसीलदार तथा जनपद स्तरीय अधिकारी बैठक में ऑनलाइन जुड़े थे।

पौने 4 हजार करोड़ की योजना के स्थल का लिया जायजा

भटौली जबलपुर में 15वें वित्त आयोग के इन्क्यूबेशन ऑफ 8 न्यू सिटीज के तहत प्रस्तावित टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर के लिए चयनित भूमि पर पहुँचकर कलेक्टर ने कहा कि ये भूमि न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए सौभाग्यशाली होगी। यहाँ से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। जिले का नाम प्रदेश स्तर पर छा जाएगा। जरूरत है तो इस योजना पर बेहतर तरीके से अमल करने की।

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शुक्रवार को उपराेक्त विचार व्यक्त किए। 15वें वित्त आयोग के इन्क्यूबेशन ऑफ 8 न्यू सिटीज, ग्रीन फील्ड सिटी के तहत जबलपुर टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर का प्रस्ताव भारत शासन को प्रेषित किया गया है। इसकी कुल लागत 3 हजार 727 करोड़ रुपए है।

इस योजना का कुल क्षेत्र 332 हेक्टेयर प्रस्तावित है। शहर पहले से ही गारमेंट व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। इसे विस्तार देने के लिए ही जबलपुर टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक क्लस्टर प्रस्तावित किया गया है, जो पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए नेट जीरो डिस्चार्ज एवं ग्रीन प्रौद्योगिकी का समावेश शामिल है।

साथ ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से होटल, अस्पताल, स्कूल, मॉल, लॉजिस्टिक पार्क, हाईराइज एवं अन्य रहवासी इमारतों का निर्माण किया जाएगा। प्रस्तावित क्लस्टर से 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष तथा 20 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन की संभावना है।

इस अवसर पर स्मार्ट सिटी के सीईओ चंद्रप्रताप गोहिल ने प्रस्तावित परियोजना के हर पहलू से कलेक्टर श्री सक्सेना को अवगत कराया।

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