जबलपुर: छह माह से बंद रेल अंडर ब्रिज-2 के चौड़ीकरण का काम
- जमीन पर बने सेप्टिक टैंक को हटाकर यहाँ पर अंडर ब्रिज के नीचे लगाए जाने वाले गार्डर को बनाया गया।
- अब कार्य की लागत बढ़ने के कारण फिलहाल चौड़ीकरण अधर में लटक गया है।
- अब लागत बढ़ने के फेर में उलझा निर्माण, केवल ढाँचा ही बन सका
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मुख्य स्टेशन से लगे रेल अंडर ब्रिज दो के चौड़ीकरण का कार्य छह माह से बंद है। जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा काम कराया जा रहा था, मगर शुरू के दाे माह में यहाँ गड्ढा खोदकर केवल ब्रिज का ढाँचा ही बनाया जा सका है।
इसके बाद जो काम बंद हुआ तो फिर दोबारा रेलवे के अधिकारियों ने इस ओर मुड़कर नहीं देखा है। वर्तमान हालात देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले एक-डेढ़ साल में भी काम पूरा नहीं हो सकेगा।
इसके निर्माण में पूर्व में अतिक्रमण बाधा आ रही थी, उसे भी हटा दिया गया। अब कार्य की लागत बढ़ने के कारण फिलहाल चौड़ीकरण अधर में लटक गया है।
अब लागत बढ़ने के फेर में उलझा निर्माण, केवल ढाँचा ही बन सका
शोपीस बन गया समीप रखा गार्डर
रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा इस ब्रिज का चौड़ीकरण कराया जाना है। रेलवे के अनुसार इसकी चौड़ाई और लंबाई वर्तमान ब्रिज के बराबर ही रखी जानी है, लेकिन जिस ओर से ब्रिज को चौड़ा किया जाना है, वहाँ पर रेलवे के सिग्नल, रेल लाइन, ओएसई और अन्य तकनीकी बाधाएँ आ रही हैं।
इस वजह से ब्रिज की लागत बढ़कर सवा तीन करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। बताया जाता है कि रेलवे द्वारा जब इसका कार्य शुरू किया गया था, तब रेलवे काॅलोनी से लगी जमीन पर बने सेप्टिक टैंक को हटाकर यहाँ पर अंडर ब्रिज के नीचे लगाए जाने वाले गार्डर को बनाया गया।
मगर गार्डर लगाने के बजाय अब भी ज्यों का त्यों रखा है। अब न तो चौड़ीकरण हो रहा है और न ही यहाँ अधिकारी भी देखने तक आ रहे हैं।
पहले अतिक्रमण बना बाधा
जानकाराें का कहना है कि जिस वक्त यहाँ काम शुरू किया गया था, उस वक्त सबसे बड़ी बाधा यहाँ अतिक्रमण थे, मगर नगर निगम के सहयोग से यहाँ के अतिक्रमण हटा दिए गए, लेकिन इसके बाद भी बीच में काम रोक दिया गया।
इसका एक कारण इस निर्माण कार्य की लागत बढ़ना भी बताया जा रहा है। इसके अलावा मंडल के अधिकारियों द्वारा भी अब निर्माण कार्य में किसी प्रकार की रुचि नहीं ली जा रही है।