जबलपुर: ट्रैक पर जाकर सुरक्षा इंतजामों को परखा, पायलटों का समझा दर्द

  • रेलवे बोर्ड चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा जबलपुर मुख्य स्टेशन स्थित लोको लॉबी पहुँचीं
  • स्टाफ से खुलकर की चर्चा
  • रेल ट्रैक की बारीकी को देखा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामाें की जानकारी ली

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-10 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। भारतीय रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा का मंगलवार की सुबह पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय में आगमन हुआ। इस दौरान उन्होंने रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों से चर्चा की। चेयरमैन जया वर्मा ने रेल ट्रैक पर पहुँचकर ट्रेनों के संचालन से लेकर रेल ट्रैक की बारीकी को देखा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामाें की जानकारी ली और खुद भी समीक्षा की।

जबलपुर मुख्य स्टेशन स्थित लोको लॉबी पहुँचकर उन्होंने महिला व पुरुष ट्रेन चालकों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं को जाना। इस दौरान उन्होंने उपस्थित चालकों से कहा कि ट्रेन ड्राइवर रेलवे के अग्रिम योद्धा हैं जिनके भरोसे ही ट्रेन में हजारों यात्री चैन की नींद सोकर यात्रा करते हैं।

यह बात सही है कि यह कार्य बड़ा ही चुनौतियाें भरा है। इसके बाद भी सभी इसका बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इस दौरान चेयरमैन ने उपस्थित लोको पायलट व सहायक लोको पायलट को खुलकर अपनी समस्याएँ बताने कहा।

जिस पर उन्होंने बताया कि चालकों के सैकड़ों पदों को भरा नहीं जा रहा है, इस वजह से काम का दबाव बढ़ रहा है। इतना ही नहीं ड्यूटी के घंटे भी लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन काम का तनाव कम नहीं हो रहा। उन्होंने यह भी बताया कि बैठने की कुर्सी तक छोटी है जिसके कारण कई बार सिग्नल देखने के लिए बार-बार उठना पड़ता है। इस वजह से चालकों के कमर में दर्द की शिकायतें बढ़ रही हैं।

चेयरमैन से चर्चा के दौरान सहायक महिला लोको पायलट ने रात में ड्यूटी के वक्त सुरक्षा को लेकर चर्चा की, उन्होंने बताया कि रात के समय एसीपी हो जाने के बाद उसे ठीक करने के लिए अकेले जाना पड़ता है और इस दौरान भय बना रहता है। ऐसे हालात में कोई बेहतर विकल्प होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महिला ड्राइवर के लिए कैडर चैंज करने का विकल्प आने के बाद हजारों महिलाओं ने आवेदन दिया है। अगर इसमें सुधार हो जाए तो कैडर बदलने की नौबत ही न आए।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्लेटफाॅर्म पर उपलब्ध यात्री सुविधाओं और सुरक्षा उपायों को भी देखा। इस दौरान उन्होंने सिग्लन प्रक्रिया को मौके पर जाकर देखा। ऑपरेटिंग स्टाफ से ट्रैक बदलने के दौरान क्रॉस ओवर करने सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार चर्चा की।

ट्रैक सुधार कार्य में आवश्यक उपकरणों व मशीनरी के बारे में भी जाना। इससे पूर्व यार्ड के निरीक्षण के बाद अधिकारियों से चर्चा कर वे महाकौशल एक्सप्रेस से रवाना हो गईं। निरीक्षण के दौरान जीएम के साथ पीसीईई अमरेंद्र सिंह, डीआरएम विवेक शील, सीनियर डीसीएम विश्वरंजन, कमांडेंट अरुण कुमार त्रिपाठी सहित अन्य उपस्थित रहे।

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