जबलपुर: रद्दी चौकी के लेफ्ट टर्न पर खड़े हो रहे वाहन, लग रहा जाम
- बेवजह रुककर करना पड़ता है ग्रीन सिग्नल का इंतजार
- पुलिस की तैनाती फिर भी बिगड़े हैं हालात
- शहर के प्रमुख चौराहों के लेफ्ट टर्न पर अवैध कब्जों के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई की जाती है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहों में शुमार रद्दी चौकी के लेफ्ट टर्न पर वाहन खड़े हो रहे हैं। इसके कारण लेफ्ट की तरफ जाने वाले वाहन चालकों को आने-जाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है। शाम के समय तो यहाँ से निकलना मुश्किल हो रहा है। इसके बाद भी नगर निगम लेफ्ट टर्न को खाली नहीं करा रहा है।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि रद्दी चौकी ऐसा पॉइंट है, जहाँ पर चारों तरफ से हैवी ट्रैफिक आता है। इसको देखते हुए यहाँ पर लेफ्ट टर्न बनाए गए हैं, ताकि लेफ्ट की तरफ जाने वाले वाहनों को रेड सिग्नल पर नहीं रुकना पड़े।
हालत यह है कि अधारताल से घमापुर की तरफ जाने वाले लेफ्ट टर्न पर मालवाहक वाहन और ऑटो खड़े हो जाते हैं। इससे लेफ्ट की तरफ जाने वाले वाहनों को जगह नहीं मिल रही है। इससे वाहन चालकों को बेवजह रेड सिग्नल पर खड़ा होना पड़ता है।
यही स्थिति घमापुर की तरफ से गोहलपुर जाने वालों के साथ बन रही है। इस तरफ के लेफ्ट टर्न पर वाहनों की पार्किंग हो रही है।
ट्रैफिक पुलिस नहीं करती कार्रवाई
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि रद्दी चौकी पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगती है, लेकिन ट्रैफिक के सिपाही लेफ्ट टर्न पर खड़े वाहनों को अलग नहीं कराते हैं। इससे यहाँ पर ट्रैफिक पुलिस की भूमिका मूकदर्शक की बनी रहती है। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस के सिपाही यातायात को व्यवस्थित करने की बजाय पूरा समय वसूली में लगे रहते हैं।
शो पीस बने सीसीटीवी कैमरे, नहीं होती मॉनिटरिंग
नगर निगम की ओर शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की दमोह नाका स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से मॉनिटरिंग की जाती है।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि लेफ्ट टर्न पर होने वाले अवैध कब्जे कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में दिख रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि नगर निगम के अधिकारी चौराहों की मॉनिटरिंग नहीं करते हैं। इसलिए स्थिति बेकाबू हो रही है।
शहर के प्रमुख चौराहों के लेफ्ट टर्न पर अवैध कब्जों के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई की जाती है। रद्दी चौकी के लेफ्ट टर्न से अवैध कब्जे हटाने जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
- सागर बोरकर, सहायक अतिक्रमण अधिकारी