जबलपुर: दायरे से आधा किमी आगे खनन करते पहुंच गई ‘वंशिका’
- मंडला की इन्द्री रेत खदान
- यहां आम आदमी क्या माइनिंग वाले भी बिना इजाजत प्रवेश नहीं कर पाते
- निर्धारित मात्रा से अधिक रेत निकालने के कारण जबलपुर की राॅयल्टी पर्ची पर ही कर रही काम
डिजिटल डेस्क,जबलपुर/मंडला। रेत खनन कंपनियों की ‘हनक’ की सही तस्वीर मंडला जिले की इन्द्री तथा इससे थोड़े फासले की बहेरी रेत खदान पर दिखाई देती है। कान्हा रोड पर कन्हार नदी पर फॉरेस्ट एरिया से लगी इस रेत खदान में आम आदमी क्या माइनिंग (खनिज विभाग) के अफसरों को भी बिना अनुमति प्रवेश करने की इजाजत नहीं है।
सड़क पर ही सबको रोक लिया जाता है। यह सब केवल इसलिए कि अंदर क्या हो रहा है, यह कोई जान नहीं पाए। सबकी नजरों से बचा कर इन्द्री में रेत का उत्खनन अब ‘अवैध गतिविधियाें’ की तमाम सीमाओं को पार कर चुका है।
सूत्रों के अनुसार, इस रेत खदान के लिए स्वीकृत 39,400 घनमीटर रेत कब की निकाली जा चुकी है। लिहाजा अब जबलपुर में काम कर रही शर्मा एसोसिएट्स की रॉयल्टी पर्ची पर यहां की रेत जबलपुर के बरेला सहित समीपी सिवनी तथा बालाघाट जिले में पहुंचाई जा रही है।
पहली बार रेत खदान की सूची में शामिल की गई बहेरी में भी कमोबेश इन्द्री जैसी ही स्थिति है। माइनिंग की 2 दिनी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने भोपाल गए मंडला के जिला खनिज अधिकारी राहुल शांडिल्य ने मोबाइल पर चर्चा के दौरान कहा कि कुछ खदानों का हमारी टीम निरीक्षण कर चुकी है, बाकी खदानों का भी निरीक्षण होना है, उसमें ये सब बातें देख ली जाएंगी।
इन्द्री तथा बहेरी में अवैध खनन की इंतेहा
रेत के अवैध खनन को लेकर इन्द्री खदान हमेशा से चर्चित रही है। पिछले ठेका सत्र में भी इन्द्री तथा अस्वीकृत बहेरी में होने वाले रेत के अवैध खनन को लेकर क्षेत्र की जनता सत्तापक्ष तथा विपक्ष के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में खदान क्षेत्र में बलपूर्वक घुस गई थी।
खनिज विभाग सहित पुलिस व प्रशासन तक पहुंची तमाम शिकायतों के बाद जनप्रतिनिधि बड़ा दबाव बना कर इन्द्री में कार्यवाही करने माइनिंग इंस्पेक्टर को लाए थे लेकिन वह भी ठेका कंपनी के लोगों को देख कर, खदान मेंं जाने से पहले भाग निकला था।
सूत्रों के अनुसार, बरबसपुर में दो दिन तक जांच करने वाली खनिज विभाग की टीम इन्द्री खदान का निरीक्षण तो करे, उसे रेत के बीच नदी खोजनी पड़ जाएगी। ठेका कंपनी‘वंशिका’ 4.68 हेक्टेयर वाली इन्द्री खदान से करीब 600 मीटर आगे खनन करते हुए पहुंच गई है।
एक हेक्टेयर वाली बहेरी खदान में भी यही स्थिति है। यहां भी स्वीकृत 11,600 घनमीटर रेत का कोटा कब का पूरा हो चुका है। सूत्रों के अनुसार निर्धारित मात्रा का खनन कर लिए जाने के कारण अब इन्द्री तथा बहेरी खदान की रॉयल्टी पर्ची जनरेट नहीं हो रही है।
लिहाजा इन दोनों खदानों की रेत जबलपुर सहित समीपी बालाघाट तथा सिवनी जिले में खपाने अब ’वंशिका‘ द्वारा अपनी सिस्टर कंर्सन तथा जबलपुर की रेत ठेका कंपनी शर्मा एसोसिएट्स की रॉयल्टी पर्ची का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सड़क से नीचे नहीं जाने देते
कान्हा जाते समय कन्हार नदी घाट के ऊपर ही सड़क किनारे दाएंं हाथ पर चैक पोस्ट बना हुआ है। खदान से करीब 350 मीटर पहले बने इस पोस्ट पर जिले की रेत ठेका कंपनी ‘वंशिका कंस्ट्रक्शन’ के कर्मचारी और इस इलाके की खदानों की रेत लोडिंग का ठेका लेने वाले बम्हनी के राजू भाईजान के कर्मचारी 3 शिफ्टों में तैनात रहते हैं।
वाहन सड़क से नीचे उतरा और उन्होंने रोका। आगे जाने का इरादा जताया तो एक ही सवाल, क्या राजू भाईजान की अनुमति है। नहीं है तो वापस जाइए। यहां तैनात कर्मचारियों के अनुसार, राजूभाई जान की अनुमति या उनके आने तक माइनिंग वाले भी खदान क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
ज्यादा जिद की या वहीं रूके रहे तो मिनटों में इनके लोगों की फौज वहां पहुंच जाती है।