बगैर केवायसी के बैंकों में खोलते थे खाता, उसी से करते थे जालसाजी का पूरा खेल
बैंक प्रबंधकों से जानकारी माँगी गई है कि उक्त आरोपियों द्वारा कब-कब फर्जी अकाउंट खोले गए
जबलपुर। शहर में फर्जी रजिस्ट्री द्वारा लोन लेने वाले गिरोह के सदस्यों के कार्यकलापों की जानकारी किसी को भी न लग सके। इसके लिए वे ऐसे बैंकों में खाते खुलवाते थे, जिसमें ई-केवायसी नहीं होती थी। इसी अकाउंट में राशि का लेन-देन होता था। यह जानकारी एसटीएफ की पड़ताल में सामने आई है। इसके बाद एसटीएफ की नजर एक्सिस बैंक, जना बैंक एवं मप्र ग्रामीण बैंक के उन अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर घूम गई, जो कि इस गिरोह की मदद किया करते थे और इन तीनों बैंक प्रबंधकों से जानकारी माँगी गई है कि उक्त आरोपियों द्वारा कब-कब फर्जी अकाउंट खोले गए। उनमें औपचारिकताएँ पूरी करने में बैंक के कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे।
यह था पूरा मामला
जानकारी के अनुसार एसटीएफ ने गोकलपुर निवासी विकास तिवारी, उत्तर प्रदेश आजमगढ़ निवासी संदीप चौबे, चित्रकूट निवासी मो. अनीश, हनुमानताल निवासी अनवर उर्फ अन्नू, गोपाल होटल घमापुर निवासी लखनलाल प्रजापति, रांझी गंगा मैया निवासी प्रवीण पांडे, गोरखपुर निवासी अनुभव दुबे, काँचघर निवासी पुनीत उर्फ राहुल पांडे एवं संजीवनी नगर निवासी राजेश डहेरिया को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों ने हिन्दुजा होम फाइनेंस में 10 फर्जी रजिस्ट्री रखकर पौने 2 करोड़ रुपए का लोन लिया था।
अनुभव की मदद से खुले थे खाते-
जाँच के दौरान एसटीएफ को जानकारी लगी कि जिस वक्त अनुभव दुबे एक्सिस बैंक में पदस्थ था। उसी वक्त एक्सिस बैंक में फर्जी विक्रेताओं के नाम पर 5 अकाउंट खोले गए थे। इसके अलावा जना बैंक में 7 और मप्र ग्रामीण बैंक में भी कुछ अकाउंट खोले गए। मप्र ग्रामीण बैंक में खुले अकाउंट्स में 50 से 55 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन भी हुआ था।
सर्वेयर से लेकर मैनेजर तक शामिल-
आरोपियों ने हिन्दुजा होम फाइनेंस कम्पनी में ही फर्जी रजिस्ट्री रखकर लोन लिया था। इसलिए एसटीएफ की शक की सुई कम्पनी के अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी घूमी है। इस मामले में फाइनेंस करने वाले अधिकारी से लेकर भूमि का सर्वे करने वाले कर्मचारी और अन्य लोगों के भी इस फर्जीवाड़े में शामिल होने की आशंका है। अब एसटीएफ द्वारा उन्हें भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।