यूनिपोल माफिया पूरी तरह बेखौफ, अधारताल से इमलिया तक रातों-रात टाँग दिए तीन यूनिपोल

सदन द्वारा लगाई गई रोक की भी नहीं परवाह, अफसरों की मिलीभगत से चल रहा खेल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-01 10:33 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

अंधड़-तूफान में कई जगहों पर बेतरतीब यूनिपोल बड़े और गंभीर हादसों का कारण बन चुके हैं। इनके गिरने की वजह से पुणे में 6 लोगों की जान तक जा चुकी है, लेकिन खुद को शहर का कर्ता-धर्ता बताने वालों को इस बात की कोई परवाह नहीं है। लोगों का आरोप है कि नगर निगम के अफसरों से मिलीभगत के चलते शहर में यूनिपोल माफिया पूरी तरह बेखौफ है। यही कारण है कि नगर निगम सदन की पाबंदी और गाइडलाइन को ताक पर रखते हुए माफिया द्वारा अधारताल से लेकर इमलिया तक रातों-रात तीन यूनिपोल टाँग दिए गए। इसमें जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को भी लोग रहस्यमय मान रहे हैं। उनका कहना है कि निगम के सदन के निर्णय की खुलेताैर पर अवहेलना करने वाले यूनिपोल माफिया पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को यूनिपोल माफिया द्वारा गोलबाजार के गंगोत्री अपार्टमेंट के सामने यूनिपोल लगाया जा रहा था। यहाँ पर उप सभापति अयोध्या तिवारी ने क्षेत्रीय जनता के साथ मिलकर काम रुकवा दिया। श्री तिवारी का कहना था कि नगर निगम सदन की अनुमति के बिना शहर में एक भी नया यूनिपोल नहीं लगाया जा सकता। इसके बाद भी यूनिपोल माफिया ने वेटरनरी यूनिवर्सिटी के सामने अधारताल, करौंदा नाला पेट्रोल पंप के सामने और इमलिया में दुग्ध संघ के सामने रातों-रात तीन यूनिपोल लगा दिए। यहाँ रहने वाले जब सुबह घर से बाहर निकले तो यूनिपोल देखकर हैरान रह गए।

लोगों का कहना है कि माफिया ने नियमों को धता बताते हुए खतरनाक तरीके से यूनिपोल लगवा दिए हैं। उन्हें जनता की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। भविष्य में यदि दुर्घटना होती है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।

सदन के निर्णय की अवहेलना, विरोध करेंगे

नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल का कहना है कि सदन का निर्णय सर्वोपरि होता है। सदन में सत्ता और विपक्ष के पार्षदों की सहमति से निर्णय लिए जाते हैं। सदन ने व्यवस्था दी थी कि बिना सदन की अनुमति के एक भी नया यूनिपोल नहीं लगाया जाएगा। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी सदन के निर्णय की अवहेलना कर यूनिपोल लगवा रहे हैं। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इस मामले में नगर निगम आयुक्त से भी बात की जाएगी।

नियमों का खुला उल्लंघन - मप्र आउटडोर मीडिया विज्ञापन नियम 2017 में स्पष्ट किया गया है कि यूनिपोल सड़क से 10 फीट दूर लगाए जाएँगे। यूनिपोल माफिया ने नियमों को दरकिनार करते हुए वेटरनरी यूनिवर्सिटी के सामने, करौंदा नाला पेट्राल पंप और इमलिया में दुग्ध संघ कार्यालय के सामने सड़क से 5 फीट की दूरी पर ही यूनिपोल लगा दिए हैं। इससे वाहन चालकों का ध्यान भंग हो रहा है।

अफसर दे रहे गोलमोल जवाब

सदन के निर्णय की अवहेलना करते हुए यूनिपोल लगाए जाने के मामले में अफसर अपना गला बचाते हुए नजर आ रहे हैं और गोलमोल जवाब दे रहे हैं। नगर निगम के होर्डिंग प्रभारी भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि सदन ने यूनिपोल मामले की जाँच रिपोर्ट आने तक रोक लगाई थी। जाँच रिपोर्ट आ चुकी है। लोग इस वक्तव्य को हास्यास्पद बता रहे हैं। उनका कहना है कि पूरा खेल मिलीभगत से चल रहा है। किसी स्वतंत्र एजेन्सी से इसकी जाँच कराई जानी चाहिए।

स्ट्रक्चरल इंजीनियर से भी नहीं कराई जाँच

जानकार बताते हैं कि जल्दबाजी में यूनिपोल लगाने के पहले स्ट्रक्चरल इंजीनियर से भी जाँच नहीं कराई गई। इससे आँधी और तूफान में यूनिपोल के गिरने का खतरा बना हुआ है। दो माह पूर्व पुणे में अंधड़-तूफान से यूनिपोल गिरने से छह लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इंदौर में आँधी से दो यूनिपोल गिर गए थे। शहर में पहले से ही इनकम टैक्स चौक, नागरथ चौक, रद्दी चौकी, अधारताल, विजय नगर, कछपुरा, गढ़ा, दीनदयाल चौक, आईटीआई चुंगी नाका, गोरखपुर, रामपुर और ग्वारीघाट में हवा में झूलते हुए खतरनाक यूनिपोल लगे हुए हैं।

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