जबलपुर: सदन की बैठक में समिति बनाकर होनी चाहिए यूनिपोल की पड़ताल

  • महापौर और नेता प्रतिपक्ष को सौंपा ज्ञापन, निगमायुक्त का आदेश निरस्त करने की माँग
  • टेंडर की समय-सीमा समाप्त होने के 20 महीने बाद भी दीपक एडवरटाइजिंग के 40 यूनिपोल लटके हुए हैं।
  • नगर निगम प्रशासन द्वारा यूनिपोल को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-01 10:10 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में जगह-जगह नियम विरुद्ध और नागरिक सुरक्षा को ताक पर रखकर लगाए गए यूनिपोल का मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू और नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर सदन की बैठक में समिति बनाकर यूनिपोल की जाँच कराने की माँग की है।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश आउटडोर मीडिया विज्ञापन नियम-2017 का उल्लंघन कर शहर में जगह-जगह खतरनाक यूनिपोल लगाए गए हैं, जो आँधी-तूफान में गिरकर तबाही मचा सकते हैं। 13 मई 2024 को मुंबई में होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके बाद भी यूनिपोल की स्ट्रक्चरल जाँच नहीं कराई जा रही है। शहर में यूनिपोल लगाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 116 (4) के तहत ट्रैफिक पुलिस से लोकेशन-वाइज एनओसी लेना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

वहीं दूसरी तरफ टेंडर की समय-सीमा समाप्त होने के 20 महीने बाद भी दीपक एडवरटाइजिंग के 40 यूनिपोल लटके हुए हैं। नगर निगम प्रशासन द्वारा यूनिपोल को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

जाँच के नाम पर हो रही खानापूर्ति

ज्ञापन में कहा गया है कि निगमायुक्त प्रीति यादव ने 21 जून को आदेश जारी कर संभागीय अधिकारियों को केवल अवैध रूप से लगाए गए होर्डिंग की जाँच करने का निर्देश दिया है, जबकि उन यूनिपोल को जाँच के दायरे से बाहर कर दिया है, जिसकी अनुमति नगर निगम ने दी है।

ज्ञापन में नगर निगम द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से दी गई अनुमति वाले यूनिपोल की जाँच कराने की माँग की जा रही है। इसको देखते हुए निगमायुक्त का आदेश निरस्त किया जाना चाहिए।

इस मौके पर डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव, एड. वेदप्रकाश अधौलिया, डीके रायघटक, डीके सिंह, उमेश दुबे, जीपी विश्वकर्मा, संतोष श्रीवास्तव, डॉ. वीके गौर, डॉ. एसएम मूर्ति, सुशीला कनौजिया, उमा दाहिया और राजेश गिरदौनिया मौजूद थे।

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