सिंडीकेट की मनमानी रोकने आबकारी विभाग कर रहा जाँच का दिखावा
बढ़े दामों पर ही बिक रही शराब
डिजिटल डेस्क जबलपुर। सिंडीकेट की मनमानी के चलते लगातार अधिक दामों पर शराब खरीदते हुए शराब प्रेमी हलाकान हो चुके हैं और अब वे आबकारी विभाग के साथ ही सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। यही कारण है कि सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के विधायक सुशील तिवारी (इन्दू) ने शराब सिंडीकेट का विरोध किया था। उनका कहना था िक इससे आबकारी नीति का मखौल तो उड़ ही रहा है, साथ ही प्रशासन की बदनामी हो रही है। दबाव में आए आबकारी विभाग ने आनन-फानन में 20 से 26 मई तक विशेष जाँच अभियान चलाने का निर्णय लिया जिसके तहत अधिक दामों पर शराब बेचने वालों पर कार्रवाई की बात की जा रही है, लेकिन इस अभियान को दिखावे की कार्रवाई का नाम िदया जा रहा है। वहीं आबकारी विभाग से गायब हुई 25 करोड़ की एफडी का मामला भी अब बोतल से बाहर आ गया है।
जिले की शराब दुकानों के लिए ठेकेदारों के बनाए गए सिंडीकेट ने मनमाने दामों पर शराब की बिक्री शुरू की थी। कई दिनों तक बेरोक-टोक ऐसा हुआ भी। इस दौरान बढ़ी दरों पर करोड़ों की शराब बेची गई और लंबा अवैध मुनाफा भी कमाया गया।
इसी दौरान लोगों ने बढ़े हुए दामों का विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद सरकार की हो रही बदनामी को देखते हुए भाजपा के विधायक सुशील तिवारी इन्दू सामने आए और उन्होंने कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को पत्र लिखकर कहा कि शराब दुकानों में एमआरपी से अधिक कीमत वसूल की जा रही है और जो ठेकेदार सिंडीकेट में शामिल नहीं हैं उन्हें प्रताडि़त िकया जा रहा है। इस पत्र पर जब कोई खास असर नहीं हुआ तो श्री तिवारी ने गत दिवस भोपाल में अपनी बात वरिष्ठ नेताओं के जरिए अधिकारियों तक पहुँचाई। यही कारण है िक शनिवार से विशेष जाँच अभियान की शुरुआत की गई है।
विधायक ने कहा- दिखावा हो रहा-
इस मामले में विधायक सुशील तिवारी का कहना है कि हमारे लिखे पत्र का असर हो रहा है लेकिन दिखावा अधिक िकया जा रहा है। शहर में फिर भी कुछ जगह पर निर्धारित दामों पर शराब बेची जा रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा
नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सिंडीकेट विधायक को मनाने का प्रयास कर रहा है लेकिन ये उनके बूते की बात नहीं लग रही है।
गायब 25 करोड़ की एफडी का ब्याज खा रहा सिंडीकेट-
शराब सिंडीकेट के मुख्य किरदार छत्तीसगढ़ के इशारों पर पूरा प्रशासन नाच रहा है। यही कारण है िक कुछ साल पहले शराब सिंडीकेट द्वारा जमा कराई गई 25 करोड़ रुपयों की एफडी को आबकारी विभाग से ही गायब करा िदया गया, जबकि उसका मासिक ब्याज सिंडीकेट के ही कुछ लोग हजम कर रहे हैं। जब तक असली एफडी नहीं मिलेगी वह राशि आबकारी विभाग के खाते में नहीं जा पाएगी।
बाकी विधायकों पर भी जनता का दबाव-
बताया जाता है िक जिस प्रकार भाजपा विधायक सुशील तिवारी ने गलत बात का विरोध किया उसी प्रकार जनता यह चाह रही है िक बाकी के कांग्रेस और भाजपा के विधायक भी विरोध शुरू करें। इस मामले में कांग्रेस के विधायकों पर खासा दबाव है, क्योंकि पार्टी के कुछ विधायक शराब के धंधे से ही जुड़े हैं और सिंडीकेट में शामिल भी हैं।पी-4
ओव्हर रेटिंग बंद, होगी जाँच-
जिले में निर्धारित कीमत से अधिक पर शराब की बिक्री की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं जिस पर कार्रवाई के िलए 7 दिनों का अभियान शुरू किया गया है। पहले िदन शहरी क्षेत्र में जोर दिया गया, अब ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस
होगा, यह कार्रवाई लगातार की जाएगी। सभी वृत प्रभारियों को िनर्देश दिए गए हैं कि वे औचक निरीक्षण करें और उल्लंघन पाए जाने पर प्रकरण कायम करें।
-रवीन्द्र मानिकपुरी, सहायक आबकारी आयुक्त