जबलपुर: वादा किया था समिति बनाकर कराएँगे यूनिपोल की जाँच, लेकिन मुकर गए, अब केवल माँग रहे प्रतिवेदन
- नगर निगम ने नियम विरुद्ध तरीके से जिन यूनिपोल को अनुमति दी, उन्हें जाँच से किया बाहर
- यूनिपोल की जाँच के लिए कोई समिति नहीं बनाई गई
- निगमायुक्त की ओर से जारी किए गए जाँच के आदेश को देखकर बवाल मच गया है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में जगह-जगह लगाए गए नियम विरुद्ध और खतरनाक यूनिपोल की जाँच को लेकर किस तरीके से गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, इसकी बानगी नगर निगम की कार्यप्रणाली से देखने को मिल रही है।
18 जून को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच एवं अन्य जन संगठनों को महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने आश्वासन दिया था कि शहर में लगाए गए नियम विरुद्ध और खतरनाक यूनिपोल की जाँच समिति बनाकर की जाएगी लेकिन महापौर अपने वादे से मुकर गए।
जाँच का आदेश जारी होने पर पता चला कि यूनिपोल की जाँच के लिए कोई समिति नहीं बनाई गई, बल्कि संबंधित संभागीय अधिकारियों से प्रतिवेदन माँगा गया है।
उल्लेखनीय है कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच एवं अन्य जनसंगठनों ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट रूप लिखा था कि नगर निगम ने मप्र आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन कर शहर भर में खतरनाक यूनिपोल लगाने की अनुमति दी है।
ज्ञापन में कहा गया कि यूनिपोल लगाने में मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार ट्रैफिक पुलिस से लोकेशन वाइज अनुमति भी नहीं ली गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि गोहलपुर पुल, भैंसासुर रोड, शास्त्री ब्रिज, कछपुरा ब्रिज, रामपुर चौक, बंदरिया तिराहा, तैयबअली चौक, विजय नगर, दीनदयाल चौक, इनकम टैक्स चौक और कटंगा तिराहे पर नगर निगम ने नियम विरुद्ध तरीके से यूनिपोल लगाने की अनुमति दी है।
नागरिक सुरक्षा को देखते हुए नियम विरुद्ध तरीके से लगाए गए यूनिपोल की जाँच कराने की माँग की गई है। जनसंगठनों ने कहा कि जाँच के लिए समिति गठित करने का वादा करने के बाद पलटना वादा खिलाफी है। इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
जाँच के आदेश को देखकर मचा बवाल
निगमायुक्त की ओर से जारी किए गए जाँच के आदेश को देखकर बवाल मच गया है। आदेश में कहा गया है कि समस्त संभागीय अधिकारी और होर्डिंग प्रभारी अपने संभाग के अंतर्गत नगर निगम द्वारा अनुमति दिए गए होर्डिंग-यूनिपोल के अतिरिक्त समस्त होर्डिंग का प्रमाणीकरण कर तीन दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
इस आदेश को देखने के बाद ज्ञापन सौंपने वाले संगठनों का कहना है कि जाँच को भटकाने की कोशिश की जा रही है। ज्ञापन में स्पष्ट है कि नगर निगम ने नियम विरुद्ध और खतरनाक यूनिपोल लगाने की अनुमति दी है। जिसकी जाँच की माँग की गई है, जबकि जाँच के दायरे से नगर निगम से अनुमति प्राप्त यूनिपोल को बाहर कर दिया गया है।