जबलपुर: देह व्यापार मामले में तय आरोपों के विरुद्ध दायर की गई याचिका हाई कोर्ट से निरस्त
- अनैतिक देह व्यापार की धारा-5 व 6 के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
- अभियोजन के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं कि याचिकाकर्ता ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था।
- जिला अदालत ने उसके विरुद्ध अनैतिक देह व्यापार की धारा-5 व 6 के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाई कोर्ट ने देह व्यापार मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा तय किए गए आरोपों के विरुद्ध दायर याचिका निरस्त कर दी। जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि वेश्यावृत्ति के लिए भुगतान अपराध की श्रेणी में रखे जाने योग्य है।
अभियोजन के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं कि याचिकाकर्ता ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था।
यह मामला जबलपुर निवासी ऋषभ की ओर से दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि गोराबाजार पुलिस ने उसे वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया था। जबलपुर जिला अदालत ने उसके विरुद्ध अनैतिक देह व्यापार की धारा-5 व 6 के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
दलील दी गई कि आवेदक अनैतिक देह व्यापार में लिप्त नहीं था। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि छापेमारी के दौरान दलाल के ठिकाने से एक कमरे में आवेदक एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला था।
इसके अलावा आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई थी। अभियोजन के पास इस बात के साक्ष्य हैं कि आरोपी ने वेश्यावृत्ति के लिए राशि का भुगतान किया था, जिसे गंभीरता से लेकर ट्रायल कोर्ट ने आरोप तय किए हैं।