जबलपुर: मूँग की खरीदी से एफआईआर वाली संस्था को हटाया गया
- कलेक्टर ने जारी किया संशोधित आदेश, जिन कृषि विभाग अफसरों ने की थी कार्रवाई और फिर सौंप दी थी जिम्मेवारी
- मामला पुलिस में दर्ज हुआ और समिति के उपार्जन प्रभारी फरार थे।
- मूँग और उड़द का उपार्जन 24 जून से शुरू हुआ है और यह उपार्जन 31 जुलाई तक किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मूँग और उड़द खरीदी में शुरू से ही घालमेल का मामला सामने आ गया। जिस संस्था पर कुछ ही दिन पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई थी उसे ही उपार्जन का जिम्मा दे दिया गया था।
मामला कलेक्टर दीपक सक्सेना के संज्ञान में आया उन्होंने तत्काल उक्त संस्था को हटाकर दूसरी संस्था को जिम्मेदारी सौंप दी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि सब कुछ जानते-बूझते हुए भी कृषि विभाग के अधिकारियों ने ऐसी संस्था को यह जिम्मेदारी दी ही क्यों थी।
मूँग और उड़द का उपार्जन 24 जून से शुरू हुआ है और यह उपार्जन 31 जुलाई तक किया जाएगा। खरीदी के लिए जिले में 21 केन्द्र बनाए गए हैं। मझाैली में खरीदी के लिए वृहताकार सेवा सहकारी संस्था कापा को अधिकार दिया गया था।
उक्त समिति ने ही जगदीश वेयरहाउस में गेहूँ की खरीदी की थी और जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। मामला पुलिस में दर्ज हुआ और समिति के उपार्जन प्रभारी फरार थे। उसी समिति को सूची में देखकर किसान भड़क उठे थे और विरोध शुरू हाे गया था।
इस मामले को दैनिक भास्कर ने प्रकाशित किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने गुरुवार को ही आदेश जारी कर कापा सोसायटी के स्थान पर उपार्जन करने वाली संस्था कापा को बदलकर वृहताकार सेवा सहकारी संस्था खांड को तय कर दिया है और उपार्जन स्थल श्रीजी वेयरहाउस 136 तय हुआ है।