जबलपुर: उद्योग विभाग मानता है टेलीकाॅम फैक्ट्री न रानीताल में चल रही न ही रिछाई में

  • रिछाई की जमीन उद्योग विभाग वापस चाहता है
  • वहीं जनता की माँग रानीताल की जमीन में बने पार्क
  • उच्चस्तरीय बैठक आयोजित कर जल्द लेने होंगे शहर हित में फैसले

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-17 13:21 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। उद्योग विभाग ने बीते दिनों रिछाई की टेलीकाॅम फैक्ट्री का दौरा किया जिसमें पाया कि यह फैक्ट्री अब चालू हालत में नहीं है। 84 एकड़ भूमि में जो फैक्ट्री है उसमें कोई भी उत्पादन नहीं हो रहा है।

इस फैक्ट्री की मौजूदा स्थिति के विषय में उद्योग विभाग ने भोपाल तक पूरी जानकारी भी दे दी है। विभाग चाहता है कि रिछाई स्थित भूमि का सही उपयोग हो और इस जमीन को वापस ले लिया जाए।

वैसे उद्योग विभाग की नजर में रानीताल की टेलीकाम फैक्ट्री की भूमि में भी अधिकृत तौर पर किसी तरह का उत्पादन नहीं हो रहा है। इसको लेकर विभाग सीधे तौर पर पत्र व्यवहार नहीं कर सका लेकिन रिछाई की फैक्ट्री के विषय में अधिकृत तौर पर दौरा कर माना गया है कि फैक्ट्री पूरी तरह से बंद हो चुकी है।

इधर दोनों फैक्ट्रियों की भूमि के संबंध में लोगों का कहना है कि रानीताल फैक्ट्री की भूमि में एक बड़ा पार्क, स्टेडियम बने तो रिछाई फैक्ट्री की जमीन को जल्द से जल्द फैक्ट्री प्रबंधन से वापस ले लिया जाए। लोगों का कहना है कि दोनों भूमियों को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक शहर में आयोजित की जानी चाहिए ताकि शहर के हित में इसको लेकर फैसले लिए जा सकें।

पर्यावरण मंच ने जारी किया स्टिकर

जबलपुर पर्यावरण संरक्षण मंच ने एक स्टिकर जारी किया जिसमें फेफड़े की आकृति को चिन्हित करते हुए हर वाहन में अपने जारी स्टिकर को लगाने का आग्रह किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सकें। डिजाइनर शिल्पी ने इस स्टिकर को बनाया है और लोगों से अपने वाहन में लगाकर अभियान से जुड़ने का आग्रह किया गया है।

सांसों का सौदा बर्दाश्त नहीं

जन संगठन कोविड 21 ने रानीताल टेलीकाॅम फैक्ट्री की भूमि को बेचने के निर्णय का विरोध किया और इसका लेकर एक प्रदर्शन भी किया। कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी तरह से पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने वाली इस भूमि के सौदे को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शहर के हर नागरिक को इस हरित एरिया को बचाने के लिए आगे आना होगा।

प्रदर्शन के समय असीम त्रिवेदी, शैलेष पाठक, वेद प्रसाद तिवारी, मयंक तिवारी, प्रदीप जायसवाल, संजीव पचौरी, वैभव पाठक, अनिल साहू, विनीत टहनगुरिया, ऋषभ दुबे, दिव्यानी सोनी, गणेश सेन आदि अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

भूमि किसी हालत में न बिकने पाए

स्नेह नगर विकास समिति और जेडीए आवासीय कल्याण महासंघ की एक बैठक स्नेह नगर में आयोजित की गई जिसमें समिति के सदस्यों ने कहा कि सरकार इस रानीताल फैक्ट्री के संबंध में जल्द से जल्द फैसला ले और यह सुनिश्चित करे कि यह भूमि किसी भी तरह से बेची न जा सके।

समिति सदस्यों ने कहा कि रानीताल टेलीकाम फैक्ट्री की भूमि में एक बड़ा पार्क बने या नेचर पार्क बनाकर इसको नए रूप में विकसित किया जाए ताकि आसपास के सैकड़ों कॉलोनियों और बड़े इलाके को बेहतर वातावरण मिल सके। इसमें जो जैव विविधता है उसका संरक्षण किया जाना बेहद जरूरी है।

बैठक में समिति के विनोद दुबे, दिलीप नेमा, आरएन मिश्रा, प्रवीण विश्वकर्मा, आरके भटट, वीएस स्वर्णकार, आरएस पाण्डेय, ओपी दवे, कमल ताम्रकार, जीडी पड़रहा, जितेन्द्र तिवारी आदि अनेक लोग मौजूद रहे।

फैक्ट्री प्रबंधन का दावा हमारी यूनिट चालू हैं

इधर उद्योग विभाग से अलग टेलीकाम फैक्ट्री प्रबंधन का दावा है कि हमारी दोनों यूनिट में उत्पादन हो रहा है। दोनों चालू हालत में हैं जबकि सच्चाई यही है कि दोनों बंद हो चुकी हैं। लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन जनता को सच्चाई से अवगत कराना नहीं चाहता है। 70 और 84 एकड़ भूमि में फैक्ट्री किसी समय आबाद रही अब दोनों बंद हालत में हैं।

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