पाॅल्यूशन मिटाने 90 करोड़ का अब तक उपयोग नहीं कर पाया निगम, इसलिए इस बार बजट कम मिला
मिले सिर्फ 23 मिलने थे 30 करोड़, हर साल नीति आयोग की सिफारिश पर मिलना है बजट
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
वायु की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने इस बार शहर काे बजट घटाकर 23 करोड़ दिया है। बजट घटाने की मुख्य वजह यही है कि नगर निगम पूर्व के वर्षों में पाॅल्यूशन को दूर करने के लिए मिले 90 करोड़ का बजट अब तक उपयोग नहीं कर सका है। जो कार्य किये गये या किये जा रहे हैं उनकी क्वाॅलिटी और कार्य कुशलता का आकलन निकलने के बाद शहर का बजट इस बार घटाया गया है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ऐसे शहर जिनकी वायु गुणवत्ता बीते कुछ सालों में खराब हुई है उन शहरों में पाॅल्यूशन काे कन्ट्रोल करने बजट दे रहा है, ताकि ऐसे शहरों में सुधार की दिशा में कुछ बेहतर कार्य किये जाएँ। बीते दो सालों में पहले साल 60 करोड़, दूसरे साल 30 करोड़ तो इस बार तीसरे साल केवल 23 करोड़ ही मिल सके हैं। जानकारों का कहना है कि नगर निगम ने यदि आगे प्रदर्शन बेहतर नहीं किया तो यह बजट और भी कम हो सकता है। नगर निगम ईई कमलेश श्रीवास्तव कहते हैं कि इस बार अन्य शहरों का बजट भी कम किया गया है। पूर्व में मिले बजट से हम लगातार बेहतर कार्य कर रहे हैं।
काम की गुणवत्ता पर भी सवाल
ऐसे हिस्सों में सड़कों का निर्माण जहाँ पर धूल ज्यादा है। सड़क किनारे वाटिका बनाना, छोटे-छोटे गार्डन विकसित करना, एयर क्वाॅलिटी नापने के लिए एक्यूआई माॅनीटर लगाना, सड़क किनारे पेवर ब्लॉक और अन्य ऐसे कार्य करना है जिससे शहर में प्रदूषण का स्तर कम हो सके। यह कार्य शहर में हो भी रहे हैं पर जो किये गये हैं उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाये जा रहे हैं। जैसे पेवर ब्लॉक लगाये जा रहे हैं उनमें गुणवत्ता गायब है और ये लगने के साथ कागजों से बिखर रहे हैं।
दिल्ली तक जाती है रिपोर्ट
पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड शहर की एयर क्वाॅलिटी बीते सालों में अलग-अलग माहों में क्या रही इसका पूरा डाटा तैयार कर केन्द्र सरकार को देता है। इस रिपोर्ट के आधार पर शहर में वायु की गुणवत्ता का स्तर पता चलता है। एयर पाॅल्यूशन मिटाने या कन्ट्रोल करने की जो कोशिश हुई हैं उनका भी डाटा या रिपोर्ट तैयार की जा रही है। नगर निगम जो कार्य किये गये हैं उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट देता जिसको भोपाल और फिर दिल्ली भेजा जाना है।