जबलपुर: एंट्रेंस टेस्ट के जरिए देशभर के छात्र यूनिवर्सिटी में ले सकेंगे दाखिला
- चुनिंदा कोर्स में अब सीयूटी के जरिए एडमिशन
- अगले शैक्षणिक सत्र से सभी पाठ्यक्रम होंगे शामिल
- काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए देशभर की यूनिवर्सिटीज अपने यहाँ विद्यार्थियों को प्रवेश दिया करती हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुछ पाठ्यक्रमों में देश भर से कहीं के भी छात्रों को एडमिशन हासिल हो सकेगा। इसके लिए रादुविवि काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूटी) के जरिए प्रवेश देगी। हालाँकि शुरुआती दौर में केवल 20 फीसदी सीटें ही सीयूटी के जरिए भरी जाएँगी। बाकी की 80 प्रतिशत सीटों को पहले जैसे ही आॅनलाइन तरीके से भरा जाएगा।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय इस बदलाव में सफल होता है तो अगले शैक्षणिक सत्र से स्नातक के सभी पाठ्यक्रम के अलावा स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश के लिए सीयूटी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
मंगलवार को प्रवेश समिति की बैठक कुलपति की अध्यक्षता में हुई। जिसमें 1 अप्रैल से प्रवेश की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया। प्रवेश प्रभारी डाॅ. शैलेष चौबे ने बताया कि नए सत्र में प्रवेश के लिए प्रशासन ने यूजीसी की सीयूटी प्रक्रिया का पालन करने का फैसला किया है।
बैठक में कुलपति प्रो. राजेश कुमार वर्मा, कुलसचिव डाॅ. दीपेश मिश्रा, डॉ. आरके गुप्ता समेत कई विभागों के विभाग प्रमुख उपस्थित रहे।
ये है सीयूटी
काॅमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए देशभर की यूनिवर्सिटीज अपने यहाँ विद्यार्थियों को प्रवेश दिया करती हैं। यूजीसी के द्वारा यह टेस्ट लिया जाता है। जिसके आवेदन भरे जा रहे हैं।
मई में प्रवेश परीक्षा होती है जिसमें मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों को उनकी पसंद के विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिलता है।
इससे देशभर के विद्यार्थी विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले सकते हैं अभी सिर्फ आसपास के इलाकों के विद्यार्थी ही यहाँ प्रवेश लेते हैं।
कई कोर्स ऐसे हैं जिनमें देश के कई हिस्सों से विद्यार्थी आकर पढ़ना चाहते हैं लेकिन सुविधा और जानकारी के अभाव में ऐसा नहीं कर पाते।
यूजीसी ने माँगा ब्यौरा
फिलहाल पाँच पाठ्यक्रम को ही जोड़ा जा रहा है इसके लिए यूजीसी को जानकारी भेज दी गई है। सूत्रों का कहना है कि यूजीसी ने पाठ्यक्रम से जुड़ा ब्यौरा माँगा है। जानकारों का कहना है कि सीयूटी में स्नातकोत्तर के विषयों में प्रवेश के लिए भी शामिल करना था लेकिन उसके आवेदन का समय बीत चुका है।
लिहाजा, स्नातकोत्तर की जगह सिर्फ स्नातक पाठ्यक्रम के विषयों को शामिल किया जा रहा है।