जबलपुर: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता में योगदान देने वाले इसरो के वैज्ञानिक डॉ. नीरज कुमार सत्य से खास बातचीत

गर्व है कि हमने चाँद पर तिरंगा फहरा दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-04 08:36 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

वैज्ञानिकों ने दिन-रात मेहनत कर मिशन चंद्रयान-3 को सफल बनाया। हमें गर्व है कि हमने चाँद पर तिरंगा फहराया।

यह कहना है चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट मैनेजर थर्मल डिजाइन एनालिस्ट व इसरो के वैज्ञानिक डॉ. नीरज कुमार सत्य का। वे जिज्ञासा के कार्यक्रम में शामिल होने शहर पहुँचे। उन्होंने बताया कि मिशन के दौरान थर्मल डिजाइन टूल्स के जरिए टेम्प्रेचर को मेन्टेन रखना उनकी टीम की जिम्मेदारी थी, जो कि बेहद चुनौतीपूर्ण टास्क रहा।

साथ ही कहा कि बच्चों में बहुत जिज्ञासा होती है, जिज्ञासा ही विज्ञान की जनक है। इस मिशन से बच्चों को साइंस फील्ड में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलेगी। इस मिशन ने लोगों में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है।

बोनस: हॉपिंग एक्सपेरिमेंट

डॉ. नीरज ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन का पहला ऑब्जेक्टिव चंद्रयान पर सॉफ्ट लैंडिंग रहा, वहीं दूसरा ऑब्जेक्टिव था रोवर को वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए रोल डाउन करना। ये सारे ही उद्देश्य हमने सफलता पूर्वक अर्जित किए। इतना ही नहीं हमने इसके स्लीप मोड पर जाने से पहले एक हॉपिंग एक्सपेरिमेंट भी किया। जिसमें इंजन फायर किए गए। लैंडर ने एक स्थान से दूसरे स्थान पर हॉप किया। ये एक बोनस प्वॉइंट रहा। जो कि भविष्य की टेक्नोलॉजी डेमोन्स्ट्रेशन भी बना।

नई चीज खोजें

इसरो के मिशन ने पूरी कंट्री को एक पॉजिटिव वाइब दी है। यह मिशन हर उस जिज्ञासु व्यक्ति को प्रेरणा देगा, जो साइंस फील्ड में कार्य करना चाहता है। लोगों के मन में यह धारणा आएगी कि यदि इसरो कर सकता है तो हम क्यों नहीं कर सकते। डॉ. नीरज कहते हैं कि जबलपुर के लोगों में भी बहुत सकारात्मक ऊर्जा है, यहाँ के इंस्टीट्यूशन्स में साइंस को आगे बढ़ाने का जज्बा है।

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