500 बसों से रवाना हुए लोकतंत्र के सिपाही, ट्रैक्टर और मोटरबोट का भी सहारा
शाम के बाद सामग्री की वापसी भी कृषि विवि में ही होगी, कहीं दिखी अव्यवस्थाएं, सुरक्षा के रहे कड़े इंतेजाम
डिजिटल डेस्क जबलपुर। विधानसभा चुनाव 2023 के आज शुक्रवार को होने वाले मतदान के िलए गुरुवार की सुबह से जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से ईवीएम, वीवीपेट सहित अन्य चुनाव सामग्री का वितरण िकया गया। इस कार्य को करीब 800 कर्मचारियों ने िकया। रिजर्व सहित कुल 2344 दलों का गठन िकया गया था, जिसमें से 2132 दलों की रवानगी करीब 500 बसों के जरिए की गई। वहीं दो ट्रैक्टर और बरगी के कठोतिया मतदान केन्द्र के लिए एक मोटरबोट का इस्तेमाल भी िकया गया। यही सामग्री शुक्रवार की सुबह 7 से शाम 6 बजे तक लोकतंत्र के यज्ञ में सहयोगी बनेगी। शाम के बाद सामग्री की वापसी भी कृषि विवि में ही होगी।
मतदान दलों को सामग्री वितरण के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन पूरे समय वितरण स्थल पर मौजूद रहे और व्यवस्था पर नजर बनाये हुये थे। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह भी वितरण स्थल पर उनके साथ थे। कलेक्टर ने इस दौरान कई मतदान कर्मियों से चर्चा भी की और उनका उत्साह बढ़ाया।मतदान दलों को मतदान सामग्री वितरित करने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय परिसर में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का अलग-अलग वितरण केंद्र बनाया गया था। प्रत्येक वितरण केंद्र पर उतनी ही टेबल लगाई गईं थीं, जितने उस विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र हैं। प्रत्येक टेबल के सामने मतदान कर्मियों के लिये कुर्सियों की व्यवस्था भी की गई थी। मतदान दलों को उनके टेबल तक पहुँचाकर मतदान सामग्री और ईवीएम और वीवीपेट मशीन प्रदान की गई।मतदान सामग्री प्राप्त करने के बाद मतदान दलों की जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय परिसर से सुबह 11 बजे के आसपास मतदान केंद्रों के लिये रवानगी शुरू हो गई थी। इसके बाद मतदान दलों का दोपहर 12 बजे के आसपास मतदान केंद्र पहुँचना शुरू भी हो गया था और शाम 6 बजे के पहले सभी अपने मतदान केंद्र पहुँच चुके थे। मतदान दलों को मतदान केंद्र तक 251 बड़ी और 250 छोटी बसों से पहुँचाया गया। दो ट्रैक्टर और एक मोटरबोट का इस्तेमाल भी किया गया। मतदान दलों के परिवहन के लिये 501 रूट तय किये गए थे तथा दस प्रतिशत रिजर्व सहित कुल 551 बसों की व्यवस्था की गई।
घरों तक नहीं पहुँची मतदाता पर्ची-
जिला निर्वाचन कार्यालय भले ही दावे कर रहा हो, लेकिन यह सच है िक अधिकांश घरों तक मतदाता पर्चियाँ नहीं पहुँच सकी हैं। अब मतदाताओं को शुक्रवार को राजनीतिक पार्टियों के काउंटरों पर खड़ा होना पड़ेगा, जबकि अधिकांश मतदाता ऐसा नहीं चाहते हैं। वे चाहते हैं िक प्रशासनिक व्यवस्था के तहत ही पर्चियाँ उन तक पहुँचें, ताकि िकसी का प्रलोभन सामने न आए।
मोबाइल न लगने से हलाकान हुए कर्मी-
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में सुबह से ही भारी संख्या में कर्मचारी और पुलिस बल की मौजूदगी थी, जिस कारण यहाँ मोबाइल नेटवर्क जाम हो गया। नेटवर्क कंजेशन के कारण कर्मी अपने साथियों के साथ भी सम्पर्क नहीं कर पा रहे थे। यहाँ तक कि अधिकारी भी परेशान हो गए और कई बार बड़े अधिकारी खीझते नजर आए।
पीने का पानी तक नहीं िमल पाया-
कृषि विवि का चयन इसलिए िकया गया था, क्योंकि वहाँ जगह अधिक थी और यह अधिक जगह ही परेशानी का कारण बन गई। कहाँ क्या है, किसी को पता ही नहीं चल पा रहा था। पीने का पानी तक नहीं मिल पाया, जिससे लोग वहाँ बगीचा सींचने वाले नल से पानी पीते नजर आए।
ड्राइवरों को नहीं मिला खाना-
मतदान दलों की आवाजाही के िलए दो दिन से बसों का अधिग्रहण िकया हुआ है, लेकिन ड्राइवरों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्हें खाने तक को तरसाया गया है। वे होटलों और ठेलों से खाना लेकर खा रहे हैं। इसे लेकर ड्राइवरों ने जमकर नारेबाजी की और सड़क पर हंगामा करने का प्रयास भी िकया।
कई महिला कर्मी हुईं बेहोश-
चुनाव ड्यूटी में महिला कर्मियों की माँगों को तरजीह नहीं दी गई और बीमारी तथा अन्य कारण बताने के बाद भी उन्हें इस कार्य में लगाया गया, जिसका खामियाजा कई महिला कर्मियों ने भुगता। सामग्री िवतरण के दौरान कई महिला कर्मी बेहोश हो गईं और उनका मौके पर उपचार किया गया। कुछ को जिला अस्पताल भी भेजा गया।
2132 मतदान केन्द्रों के िलए 2344 मतदान दल-
जिले के 2 हजार 132 मतदान केंद्रों के लिए दस प्रतिशत रिजर्व सहित 2 हजार 344 मतदान दलों का गठन किया गया। इसी प्रकार 504 क्रिटिकल बूथों के लिए दस प्रतिशत रिजर्व सहित 558 माइक्रो ऑब्जर्वर विधानसभावार आवंटित किए गए। इसके पहले ऑल वुमन मैनेज्ड बूथ के लिए दस प्रतिशत रिजर्व सहित 336 मतदान दल गठित किए गए और उन्हें विधानसभा क्षेत्र आवंटित किए गए। जिले में कुल 2 हजार 132 मतदान केंद्रों में से 305 ऑल वुमन मैनेज्ड बूथ बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों के मतदान दलों में महिला कर्मचारी ही होंगी और वे ही मतदान कराने की जिम्मेदारी संभालेंगी।
कलेक्टर ने किया मतदान केंद्रों का निरीक्षण-
कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ कुमार सुमन और नगर निगम कमिश्नर स्वप्निल वानखड़े ने गुरुवार देर शाम सदर स्थित सेंट अलॉयशियस स्कूल में नवाचार के तहत बनाये गये ग्रीन बूथ सहित शहर के विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने साइंस कॉलेज, एपीएन हायर सेकेंडरी स्कूल सदर एवं एमएलबी स्कूल स्थित मतदान केंद्र पहुँचकर मतदान दलों से उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली । साथ ही उनका उत्साहवर्धन करते हुये स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान कराने की सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण करने के निर्देश दिये ।
660 मिनट यानी 11 घंटे रहेंगे आपके पास-
लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा पर्व माना जाता है और इसमें सबकी सहभागिता भी होनी चाहिए। यही कारण है िक खुद निर्वाचन आयोग ने इस बार चुनाव के समय में इजाफा किया है। शुक्रवार को कुल 660 मिनट यानी 11 घंटे मतदान की प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान हर वह नागरिक, जिसका मतदाता सूची में नाम है, वह वोट डालकर अपनी सहभागिता निभा सकता है।
चुनाव विशेष-
0 मतदान करने के बाद दवा दुकानों सहित फिल्मों की टिकट में मिलेगी छूट
0 कर्मचारियों को मिलेगा सवैतनिक अवकाश
0 मतदान शुरू होने के डेढ़ घंटा पहले होगा मॉकपोल
0 नेत्रहीन मतदाताओं के लिए ईवीएम की बैलेट यूनिट में ब्रेल चिन्ह होंगे
0 मतदान के लिए रहेगा सार्वजनिक अवकाश
0 मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में नहीं की जा सकेगी मतों की याचना
0 हस्ताक्षर के पहले बाएँ हाथ की तर्जनी में लगेगी अमिट स्याही
0 मतदान के िलए आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस सहित 12 दस्तावेज मान्य होंगे
0 वोटिंग मशीन में सबसे अखिर में होगा नोटा
0 दिव्यांग, गर्भवती, बुजुर्ग बिना लाइन में लगे कर सकेंगे मतदान पी-5