तीन दशक बाद भी नहीं बन पाया आरओबी

लापरवाही : विजय नगर से धनवंतरी नगर और मेडिकल से गंगानगर को जोड़ने वाले रेल ओवर ब्रिज को ही भूल गए जिम्मेदार, कोई नहीं दे रहा ध्यान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-29 09:23 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

धनवंतरी नगर, गंगानगर और मेडिकल के आसपास के रिहायशी इलाके के निवासियों को शहर की नई बसाहट विजय नगर जाने में आसानी हो इसके लिए एक रेल ओवर ब्रिज बसा गाँव 41 नंबर स्कीम के नजदीक बनाने का प्लान बनाया गया। इस प्लान में कुछ अमल हुआ और जहाँ यह ब्रिज बन सकता है उस हिस्से में जमीनों को चिन्हित भी किया गया पर कुछ समय बाद इस प्लान को भुला दिया गया। तीन दशक बाद भी इस योजना पर अमल नहीं हो पाया। अब शहर में तेजी से आबादी बढ़ रही है और रेल पाँतों के इस पार से उस पार जाने में विकल्प कम हैं इसको देखते हुये लोग माँग कर रहे हैं कि इस तरह के रेल ओवर ब्रिज को जल्द से जल्द स्वीकृत कर बनाया जाना चाहिए। विजय नगर को धनवंतरी नगर से जोड़ने में लाखों की आबादी का भला हो सकता है। जो लोग अभी गढ़ा ओवर ब्रिज या फिर शहर के एकदम मध्य हिस्से तक जाने में दूसरे रास्तों का विकल्प चुनकर भीड़ में फँसते हैं। जानकारों का कहना है कि हजारों लोगों को एक ब्रिज बनते ही हर दिन बड़ी राहत मिल सकती है।

एक स्वीकृत हुआ तो दूसरा भी हो जाता

सगड़ा से लम्हेटा की ओर एक रेल ओवर ब्रिज 35 करोड़ की लागत से 1800 मीटर के एरिया में बनाया जाना है। इसके लिए टेण्डर प्रक्रिया चालू हो गई इसको मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण सेतु ने स्वीकृत किया है। लाेगों का कहना है जब पश्चिमी हिस्से में यह रेल ओवर ब्रिज स्वीकृत हुआ जो हाईवे को पार करते हुये बनना है उसी के साथ पश्चिमी हिस्से की बड़ी आबादी जहाँ निवास करती है धनवंतरी नगर और विजय नगर को जोड़ने वाला आरओबी स्वीकृत किया जा सकता था पर इसको लेकर अनदेखी की जा रही है।

इस तरह परेशान होती है जनता

विजय नगर, विकास नगर, दीनदयाल चौक, स्टेट बैंक काॅलोनी, सिंगल स्टोरी, उखरी आदि आसपास के लोगों को यदि मेडिकल या गढ़ा, तिलवारा के हिस्से में जाना हो तो एमआरफोर रोड, गढ़ा कछपुरा ओवर ब्रिज का सहारा लेना पड़ता है। इसी तरह दूसरे विकल्प के रूप में हाईवे में पाटन, कटंगी चौराहे से अंध-मूक चौराहा फिर अंदर बस्ती की ओर आना पड़ता है। जानकारों का कहना है कि यदि विजय नगर से धनवंतरी नगर को जोड़ने वाला ब्रिज बनता है तो दो बड़े रिहायशी इलाकों को बेहतर विकल्प आसानी से मिल सकता है।

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