परेशानी: ओपीडी में रोजाना आ रहे 100 से अधिक बच्चे, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित

बच्चाें में डिहाइड्रेशन-डायरिया का अटैक, अस्पताल में बेड फुल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-30 08:04 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

तेज धूप और गर्मी ने शहर में उल्टी-दस्त और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। शासकीय अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक ओपीडी में पेशेंट आम दिनों के मुकाबले अधिक पहुँच रहे हैं। मरीजों में बच्चों की संख्या अच्छी-खासी है। अकेले जिला अस्पताल में ही रोजाना 100 से ज्यादा बच्चे ओपीडी में पहुँच रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या डायरिया और डिहाइड्रेशन से पीड़ित है। इसके अलावा बुखार और पीलिया ने भी बच्चों को प्रभावित किया है।

बच्चा वार्ड में बेड फुल चल रहे हैं। इधर मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक वार्ड में भी आम दिनों के मुकाबले ओपीडी और आईपीडी में बढ़ोत्तरी हो गई है। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे ज्यादा प्रभावित हैं। चिकित्सकों के अनुसार मौसम का मिजाज अभी गर्म है, ऐसे में बच्चों के मामले में लापरवाही पेरेंट्स को भारी पड़ सकती है। इसलिए गर्मी से बचाव करना चाहिए।

ब्लड टेस्ट में सामने आ रहा पीलिया

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सीबी अरोरा ने बताया कि ओपीडी में पेट दर्द, उल्टी-दस्त और बुखार के लक्षणों के साथ बच्चे आ रहे हैं। इनमें से ब्लड टेस्ट कराने पर कुछ बच्चों में पीलिया भी सामने आ रहा है। कुछ बच्चे जहाँ ओपीडी उपचार से ही ठीक हो रहे हैं, वहीं कुछ मामलों में भर्ती करने की नौबत भी आ रही है। ओपीडी मंे रोजाना 125 पेशेंट तक आ रहे हैं। वार्ड की स्थिति यह है कि बेड फुल चल रहे हैं।

शरीर में पानी की कमी

चिकित्सकों ने बताया कि कमजोरी, बुखार, थकान, डिहाइड्रेशन, उल्टी-दस्त जैसी समस्याओं को लेकर बच्चे अस्पतालों में आ रहे हैं। शरीर में पानी की कमी की समस्या आमतौर पर देखने मिल रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाले करीब 40 फीसदी बच्चे डायरिया व डिहाइड्रेशन के लक्षण के साथ आ रहे हैं।

पेरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान

} कुछ समयांतराल में बच्चों को थोड़ा-थोड़ा पानी पिलाते रहें, ताकि कमी न हो।

} पानी को अच्छी तरह उबाल लें और साफ बारीक कपड़े से छानकर पिलाएँ।

} दस्त के साथ उल्टी होने पर ओआरएस का घोल पिलाते रहें।

} डायरिया के लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाएँ।

} घर का सादा खाना खिलाएँ, बाहर तेल-मसाले वाली चीजें खिलाने से बचें।

} फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएँ।

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