आदिवासी छात्रावास की प्राचार्य और मेस प्रभारी सस्पेंड, अधिकांश बच्चे डिस्चार्ज
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के बीमार होने का मामला
डिजिटल डेस्क जबलपुर।एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय रामपुर में गतदिवस हुई फूड प्वॉइजनिंग की घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है। हर तरफ हड़कम्प का माहौल है, लेकिन इस बीच यह खबर राहत देने वाली है िक बीमार हुए अधिकांश बच्चे अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती सभी बच्चों को डिस्चार्ज कर िदया गया जबकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती 66 में से 44 बच्चों की छुट्टी कर दी गई है। बहुत से बच्चों को उनके अभिभावक घर लेकर चले गए जबकि कुछ वापस हॉस्टल पहुँच गए हैं। इस बीच कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के आदेश पर स्कूल की प्राचार्य और मेस प्रभारी को सस्पेंड कर िदया गया है। वहीं आदिवासी छात्र-छात्राओं ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन भी किया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों ने कटहल की सब्जी खाई थी जिसके बाद से ही 100 से अधिक बच्चों को उल्टी-दस्त होने लगे थे। इसके बाद आनन-फानन में बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मंगलवार की सुबह विधायक अशोक रोहाणी और कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन विक्टोरिया अस्पताल पहुँचे और बच्चों से मुलाकात की। इसके बाद कलेक्टर ने स्कूल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मेस के साथ ही वहाँ के टॉयलेट आदि का निरीक्षण करते हुए आवश्यक निर्देश िदए। खाने की हर सामग्री का मुआयना किया गया। इसके बाद शाम को संभागायुक्त अभय वर्मा ने स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल गीता साहू तथा कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बालिका छात्रावास की अधीक्षक प्राथमिक शिक्षक श्रीमती ज्योति बाला गोल्हानी एवं बालक छात्रावास के अधीक्षक उच्च श्रेणी शिक्षक मोहन पटेल को सस्पेंड कर िदया। इस पूरे मामले के लिए कलेक्टर ने एसडीएम पंकज मिश्रा के नेतृत्व में जाँच दल गठित किया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर उपरोक्त निर्णय िलए गए।
धूप में बैठकर दिया धरना -
अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संघ के छात्र-छात्राओं ने इस मामले में प्रशासन को सकते में डाल दिया। उन्होंने कड़ी धूप में बैठकर डिप्टी कमिश्नर ट्राइबल कार्यालय का घेराव किया और उन्हें कार्रवाई के िलए मजबूर भी किया। छात्र नेता शुभम चौधरी, कामेन्द्र परस्ते, मुकेश बट्टी, अंकुश चौधरी, सुशीला परस्ते आदि ने कहा िक आदिवासी बच्चों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किसी तरह का प्वॉइजन नहीं िमला -
जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके वर्मा ने बताया कि बीमार हुए बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। छात्रावास से 40 बच्चों को विक्टोरिया में भर्ती किया गया था कुछ बच्चों का ब्लड सैंपल लेकर जाँच के लिए भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट आ गई है जिसमें किसी तरह का प्वॉइजन न होने की पुष्टि हुई है।
कुछ का उपचार जारी-
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि अस्पताल में सोमवार की रात 66 बच्चों को भर्ती किया गया था जिनमें से 44 बच्चों को मंगलवार को स्थिति बेहतर होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं कुछ बचे हुए बच्चों को अभी अस्पताल में ही रखा गया है।
सीजनल सब्जी दी जाए-
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने स्टाफ को निर्देश िदए कि सीजनल सब्जी ही दी जाए और तय मैन्यू के अनुसार भोजन एवं नाश्ता उपलब्ध कराया जाए। उनके सामने यह बात भी आई कि खाना बनाने वाली महिलाएँ तीज होने के कारण जल्दी खाना बनाकर चली गई थीं। श्री सुमन ने विद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को विद्यालय परिसर में बने आवासीय क्वार्टर में ही निवास करने की हिदायत भी दी।
जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी-
दूषित भोजन के मामले में फिलहाल जाँच जारी है और शुरुआती कार्रवाई की गई है। अभी आगे की जाँच में जिनके नाम सामने आएँगे उन पर कार्रवाई होगी। अधिकारियों को लगातार सतर्क रहते हुए बच्चों को सुविधाएँ देने के निर्देश िदए गए हैं।
-सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर