जबलपुर: गर्भवतियों को निजी सेंटर में सोनाेग्राफी की नि:शुल्क सुविधा नहीं, नियमों की अवहेलना
- जिले में करीब 90 निजी सेंटर्स, 5 महीने में करीब 10 सेंटर्स का ही पंजीयन
- जिले में 5 माह बीत जाने के बाद भी अब तक करीब 10 सेंटर्स ने ही पंजीयन कराया है।
- प्रत्येक केस के लिए 500 रुपयों का भुगतान किया जाएगा, जबकि सेंटर इससे ज्यादा राशि वसूल करते हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मरीजों से कमाई के चक्कर में निजी सोनाेग्राफी सेंटर्स ने शासन के निर्देशों को ही धता बता दिया है। जो सुविधा गर्भवती महिलाओं को निजी सेंटर पर नि:शुल्क मिलनी थी, उसके लिए मनमाने पैसे लेने का खेल जारी है।
दरअसल प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक गर्भवती महिला को सभी सेंटर्स पर नि:शुल्क सोनाेग्राफी कराने की सुविधा प्रदान की गई है। इसमें निजी सोनाेग्राफी सेंटर एवं निजी अस्पताल भी शामिल हैं।
शासन द्वारा बीते वर्ष दिसंबर माह में इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर सभी निजी सोनोग्राफी सेंटर्स को अपनी सहमति प्रदान करने के साथ सीएमएचओ कार्यालय में पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जिले में 5 माह बीत जाने के बाद भी अब तक करीब 10 सेंटर्स ने ही पंजीयन कराया है।
जानकारी के अनुसार जिले में निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, निजी डायग्नोस्टिक सेंटर और सोनोग्राफी सेंटर्स को मिलाकर करीब 90 सेंटर्स में सोनाेग्राफी हो रही है। शासन की योजना के अनुसार नि:शुल्क सोनाेग्राफी सेवाएँ प्रदान करने के लिए इन केेंद्रों को प्रति केस के मुताबिक राशि के भुगतान का प्रावधान किया गया है।
प्रत्येक केस के लिए 500 रुपयों का भुगतान किया जाएगा, जबकि सेंटर इससे ज्यादा राशि वसूल करते हैं। इसी के चलते सेंटर सहमति प्रदान करने से बच रहे हैं।
चेतावनी का भी नहीं हो रहा कोई असर
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बीते साल 5 दिसंबर को सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, निजी डायग्नोस्टिक सेंटर और सोनोग्राफी सेंटर्स को पत्र लिखा गया था, जिसमें पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत पंजीकृत निजी सोनाेग्राफी सेंटर को निर्धारित प्रपत्र में भरकर सीएमएचओ कार्यालय में 11 दिसंबर के पूर्व भेजना था, साथ ही ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी, लेकिन ज्यादातर निजी सेंटर्स ने निर्देशों को धता बताते हुए कोई जानकारी नहीं भेजी।
प्रपत्र भेजने काे लेकर लापरवाही बरत रहे निजी सेंटर्स को सीएमएचओ कार्यालय द्वारा कई बार पत्र जारी किया गया है। ऐसा न किए जाने पर दोबारा कार्रवाई की चेतावनी दी गई है, लेकिन निजी सेंटर्स पर चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ है।
कमाई कम, ऊपर से भुगतान की चिंता
सूत्र बताते हैं कि योजना से गर्भवतियों को लाभ मिलेगा, लेकिन निजी सेंटर्स की कमाई घट जाएगी। निजी सेंटर्स को सुविधा पहले देनी होगी, भुगतान बाद में होगा। शासकीय स्तर पर होने वाली यह प्रक्रिया जटिल भी है, ऐसे में निजी सेंटर्स सहमति प्रदान करने से बच रहे हैं।
सभी गर्भवती महिलाओं को शासन के निर्देशानुसार नि:शुल्क सोनाेग्राफी की सुविधा दी गई है, इसमें निजी केंद्र भी शामिल हैं। अभी तक 10 केंद्रों ने सहमति प्रदान की है। निर्देशों की अवहेलना पर पंजीयन भी निरस्त किया जा सकता है।
डॉ. संजय मिश्रा (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी)