राजनीति : जातिगत समीकरण से लेकर सामाजिक प्रभाव का गणित बैठाने की चल रही तैयारी
चुनाव से पहले टिकट के लिए संघर्ष, जिताऊ उम्मीदवार को साधने में जुटे दल
डिजिटल डेस्क,शहडोल।
विधानसभा चुनाव में जनता के बीच भाग्य आजमाने की तैयारी में जुटे भावी उम्मीदवारों को फिलहाल पार्टी के अंदर ही दूसरे दावेदारों से संघर्ष करना पड़ रहा है। यह संघर्ष है टिकट का। इसमें हर भावी उम्मीदवार अपनी ही पार्टी के अंदर दावेदारी कर रहे दूसरे उम्मीदवार को कमजोर बताने से लेकर स्वयं को बेहतर बनाने की तैयारी में जुटा है। इसके लिए जातिगत समीकरण से लेकर सामाजिक प्रभाव का गणित बैठाया जा रहा है। विरोधी दावेदार सिटिंग एमएलए हैं तो दूसरे दावेदार का काम थोड़ा सा आसान इसलिए भी हो जा रहा है क्योंकि उसे एक विषय ‘पांच साल में नाकामी’ का भी मिल जा रहा है।
शहडोल : कौन किस पार्टी से लड़ जाए कहना मुश्किल
ब्यौहारी और जैतपुर में टिकट के लिए भाजपा-कांग्रेस में दावेदारों की आपसी घमासान के बीच चर्चा यह भी है कि यहां दोनों दल से टिकट मांग रहे दावेदार ऐन वक्त पर दूसरे पार्टी की टिकट पर मैदान में उतर जाएं तो आश्चर्य नहीं होगा। इन दोनों विधानसभा सीट को दोनों ही दल 2023 के चुनाव में किसी भी हाल में हाथ से बाहर नहीं जाने देना चाह रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग सर्वे के आधार पर उम्मीदवारों की जमीनी ताकत का निचोड़ निकाला जा रहा है। शहडोल संभाग मुख्यालय की जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर चुनाव मुद्दों पर आधारित होगा। शायद यही कारण हैं कि दोनों ही पार्टियां यहां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं।
उमरिया : सिंधिया खेमे की चली तो बिगड़ सकता है टिकट का गणित
प्रदेश सरकार में जनजातीय कार्य विभाग की कैबिनेट मंत्री व विधायक मीना सिंह की मानपुर विधानसभा सीट से टिकट के लिए दावेदारी कर रहीं ज्ञानवती पूर्व में 12 साल जिला पंचायत की अध्यक्ष रही हैं। ज्ञानवती को ज्योतिरादित्य सिंधिया का खास समर्थक माना जाता है। जिस दिन सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी उसी दिन ज्ञानवती ने भी कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था। वे अब अपनी नयी पार्टी ‘भाजपा’ से टिकट की आस लगाए बैठी हैं। इधर कांग्रेस भी उमरिया जिले की बांधवगढ़ और मानपुर सीट जीतने की तैयारी में जुट गई है।
अनूपपुर : संभाग की एकमात्र सामान्य सीट ‘कोतमा’ में चुनाव से पहले टिकट के लिए कांटे की टक्कर
जिले व शहडोल संभाग की एकमात्र सामान्य सीट कोतमा में चुनाव से पहले टिकट के लिए दावेदारों के बीच कांटे की टक्कर है। यहां कांग्रेस पार्टी से सिटिंग एमएलए सुनील सराफ के साथ पूर्व विधायक मनोज अग्रवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नागेंद्र नाथ सिंह, रिंकू मिश्रा, माधव प्रजापति लाइन में हैं। भाजपा से पूर्व विधायक दिलीप जायसवाल, कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष रहे स्वर्गीय राजेश सोनी की पत्नी उमा सोनी, मोहनी वर्मा, अजय शुक्ला, लवकुश शुक्ला, मनोज द्विवेदी सहित पूर्व जिलाध्यक्ष बृजेश गौतम प्रमुख दावेदार हैं। इनके अलावा मदन त्रिपाठी, रविकरण त्रिपाठी, ब्यौहारी से विमलेश मिश्रा सहित अन्य दावेदार भी टिकट के लिए कतार में हैं।