जबलपुर: अपराध और न्याय शास्त्र में उर्दू हटा कर हिंदी के शब्द उपयोग करे पुलिस

  • एसीएस ने की संभाग के ज्वलंत विषयों की समीक्षा
  • धार्मिक और वैवाहिक आयोजनों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सीमित हो
  • धार्मिक आयोजन हो या वैवाहिक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सीमित किया जाए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-16 12:45 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। थानों व पुलिस चौकियों की सीमाओं का पुनर्गठन किया जाए। इससे पुलिस और आम जनता में हो रहे मतभेद दूर होंगे। अपराध व न्याय शास्त्र में पुलिस बहुत से ऐसे शब्दों का उपयोग करती है जो कि उर्दू के हैं, इन्हें हटाकर हिंदी के शब्दों का प्रयोग हो, इससे लोगों को पत्राचार और सरकारी दस्तावेजों की भाषा आसानी से समझ में आएगी।

धार्मिक आयोजन हो या वैवाहिक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सीमित किया जाए। डीजे की आवाज लोगों को परेशान करती है इसलिए निर्धारित डेसिबल में ही संगीत बजाया जाए।

उपरोक्त निर्देश एसीएस विनोद कुमार ने शुक्रवार को जबलपुर संभाग के ज्वलंत विषयों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा के दौरान दिए। इस दौरान संभागीय कमिश्नर अभय वर्मा सहित संभाग के सभी कलेक्टर वीसी से जुड़े थे।

श्री सिंह ने कहा कि खुले में मांस-मछली का व्यापार न करने, राज मार्गों पर संचालित ढाबों पर गौ मांस विक्रय की शिकायत पर प्रभावी कार्यवाही, गारमेंट व्यवसाय का विस्तार करने के लिए टेक्सटाइल एवं लॉजिस्टिक सेंटर को मजबूत बनाने, स्थानीय उद्योगपतियों को प्रमोट करने, आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही, अवैध उत्खनन आदि विषयों के पालन प्रतिवेदन के साथ जिले की ज्वलंत विषयों के समाधान पर विस्तृत चर्चा की गई।

सड़कों की मरम्मत पर ध्यान दिया जाए

इस दौरान सड़क, बिजली, पानी, आयुष्मान योजना, पीएम जनमन योजना, राजस्व महाअभियान, सिंचाई संबंधी समस्याएँ, जल जीवन मिशन, रोड रेस्टोरेशन, अमानक पदार्थ व मिलावट के विरुद्ध कार्यवाही के संबंध में चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।

गाँवों में चौपाल लगाएँ कलेक्टर

उन्होंने कहा कि कलेक्टर नियमित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करें, गाँवों में चौपाल लगाएँ और रात्रि विश्राम भी करें। शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन गंभीरता से कराएँ। संभागीय अधिकारी जिलों में जाएँ तो कलेक्टर से अवश्य मिलें।

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