धान गड़बड़ी मामला- पटवारियों पर कार्रवाई बर्दाश्त नहीं, संघ ने ठोकी ताल
कार्रवाई रोकने और जेएसओ को सस्पेंड करने की मांग
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मझौली में धान के सत्यापन में की गई गड़बडिय़ों को लेकर गतदिवस कलेक्टर ने दो पटवारियों को सस्पेंड िकया था, जबकि एसडीएम और तहसीलदार को आरोप पत्र जारी िकए गए थे। इस मामले को लेकर अब पटवारी संघ ने विरोध जताया है। संघ का कहना है कि गलती जेएसओ की थी जिन्होंने दस्तावेज नहीं िदए जबकि कार्रवाई राजस्व अधिकारियों पर की जा रही है। कार्रवाई नहीं रोकी गई और जेएसओ को सस्पेंड नहीं किया गया तो पटवारी हड़ताल पर चले जाएँगे।
मप्र पटवारी संघ के अध्यक्ष जागेन्द्र पिपरी के नेतृत्व में पटवारियों के निलंबन व एसडीएम एवं तहसीलदारों को आरोप पत्र जारी करने के विरोध में पटवारी संघ द्वारा कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया की जेएसओ पल्लवी जैन द्वारा पंजीयन में भारी अनियमितताएँ की जा रही हैं तथा पटवारियों को सिकमीनामा की हार्ड कॉपी उपलब्ध नहीं करा कर व्हॉट्सएप पर मैसेज कर सत्यापन कराया जा रहा है। इनकी गलती के कारण एसडीएम, तहसीलदार व पटवारियों को सजा भुगतनी पड़ रही है। पटवारी संघ द्वारा माँग की गई है कि जेएसओ पल्लवी जैन को तीन दिवस के अंदर यदि निलंबित नहीं किया जाता, तो प्रथम चरण में तहसील सिहोरा व मझौली के पटवारी अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर चले जाएँगे और यदि फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सम्पूर्ण जिला एवं प्रदेश अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होगा।
सिकमीनामा नहीं तो अपात्र िकया जाए-
कलेक्टर ने मामले में आगे बैठक कर उचित निर्णय लेने का आश्वासन िदया और यह भी कहा िक यदि किसी भी सिकमी किसान के पास सिकमीनामा की कॉपी तहसील स्तर पर उपलब्ध नहीं है, तब ऐसे सिकमीनामा को बगैर किसी दबाव के अपात्र कर दिया जाए। कलेक्टर ने कहा िक पंजीयन से जुड़े दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। प्रदर्शन में मुकेश मिश्र, अमित कुरारिया, मुक्ता चौकसे, नरेश दुबे, राजेश मेहरा, कपिल तिवारी आदि उपस्थित थे।
पटवारियों पर लगते हैं आरोप-
बताया जाता है कि पटवारियों पर हमेशा ही आरोप लगाए जाते हैं। धान के सत्यापन के मामले में भी यही कहा जा रहा है कि यदि समस्त दस्तावेज नहीं थे तो सत्यापन िकया ही क्यों गया। गिरदावरी के समय ही ऐसे किसानों को अपात्र कर देना चाहिए था। यह आरोप भी लगाया जाता है िक शहपुरा, पाटन आदि के मटर के रकबे को भी धान का रकबा दिखाया जाता है।