जीएसटी को ईडी के दायरे में लाने का विरोध

जबलपुर चेंबर ने कहा- इससे व्यापारियों में डर का माहौल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-18 08:01 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ने जीएसटी को ईडी के दायरे में लाने पर पुरजोर विरोध किया है, साथ ही कहा कि इससे व्यापारियों के बीच एक संशय है कि मनी लाॅन्ड्रिंग जैसे क्रिमिनल एक्ट को जीएसटी कानून में लाने से छोटी सी गलती में व्यापारियों को जेल होगी। विभागों एवं अधिकारियों को घूस देनी होगी। चेंबर ने बताया कि विगत 7 जुलाई को केन्द्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि मनी लाॅन्ड्रिंग कानून के अंतर्गत अब जीएसटी नेटवर्क भी आएगा। इसका मतलब जीएसटी संबंधित सारी सूचना का आदान-प्रदान एवं आरोप सिद्ध करने के लिए इसका उपयोग मनी लाॅन्ड्रिंग कानून के अंतर्गत इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ईडी द्वारा भी किया जा सकता है। चूँकि मनी लाॅन्ड्रिंग कानून एक विशिष्ट क्रिमिनल अपराध को दर्शाता है जिसमें कठोर सजा का प्रावधान है। ऐसे में व्यापारियों का डरना स्वाभाविक है। यदि सरकार जीएसटी को मनी लाॅन्ड्रिंग कानून में लाना ही चाहती थी तो उसे एक सीमा तय करनी चाहिए, ताकि छोटा व्यापारी इसकी जद में न आए। केवल 5 करोड़ से अधिक के कर चोरी मामले में ही जीएसटी को मनी लाॅन्ड्रिंग कानून के अंतर्गत लाना चाहिए। जीएसटी में अपील करने के लिए एक पृथक अपील ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए, ताकि जीएसटी में आ रही विसंगति को दूर किया जा सके। जबलपुर चेम्बर के प्रेम दुबे, कमल ग्रोवर, राधेश्याम अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, अजय अग्रवाल, नरिंदर सिंह पांधे, अजय बख्तावर, रोहित खटवानी, विनीत गोकलानी, अरुण पवार, रजनीश त्रिवेदी, सीए अनिल अग्रवाल, शिशिर नेमा, दीपक सेठी, शशिकांत पांडेय आदि ने नोटिफिकेशन का विरोध किया है।

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