जबलपुर: यूनिपोल में एक तरफ का भुगतान, दोनों ही तरफ विज्ञापन लगाकर कर रहे मोटी कमाई

  • नगर निगम को हर साल लग रहा 1.05 करोड़ का चूना
  • अधिकारियों और एजेन्सियों की मिलीभगत से चल रहा खेल
  • ननि का ऑडिट विभाग मैदान में उतरकर ऑडिट करे तो हकीकत सामने आ जाएगी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 10:35 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर के चप्पे-चप्पे पर लगाए गए यूनिपोल से नगर निगम को केवल एक तरफ विज्ञापन लगाने का भुगतान किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारी और एजेंसियाँ मिलकर यूनिपोल में दोनों तरफ विज्ञापन लगाकर मोटी कमाई कर रही हैं।

जानकारों का कहना है कि मिलीभगत के इस खेल में नगर निगम को हर साल एक करोड़ 5 लाख रुपए का चूना लगाया जा रहा है। इसके बाद भी शहर के जिम्मेदार अधिकारी, जनप्रतिनिधि चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं। नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में 92 यूनिपोल लगाए गए हैं।

नगर निगम को एक यूनिपोल में एक तरफ विज्ञापन लगाने के एवज में औसत 1.50 लाख रुपए किराया मिलता है। हकीकत यह है कि शहर के केवल 22 यूनिपोल पर एक तरफ विज्ञापन लगाए गए हैं।

70 यूनिपोल में दोनों तरफ विज्ञापन लगाए जा रहे हैं लेकिन भुगतान केवल एक तरफ विज्ञापन लगाने का किया जा रहा है। इससे नगर निगम को हर साल एक करोड़ 5 लाख का चूना लग रहा है। इसके बाद भी नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की आँखें नहीं खुल रही हैं।

दोनों तरफ विज्ञापन दिखे इसलिए नियम तोड़कर लगा रहे खतरनाक यूनिपोल

यूनिपोल में दोनों तरफ विज्ञापन लगाकर कमाई करने के चक्कर में नियमों और नागरिक सुरक्षा का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। हालत यह है कि शहर में सुपर मार्केट, राइट टाउन, तैयब अली चौक, महाराष्ट्र स्कूल के समीप, हवा में झूलते हुए यूनिपोल लगाए जा रहे हैं, जबकि यहाँ पर नियमों के अनुसार एक तरफ विज्ञापन वाले ही यूनिपोल लगाए जा सकते हैं।

गोहलपुर में पुल के बीचों-बीच यूनिपोल लगाकर नागरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहाँ पर एक लोहे से भरा ट्राॅला पुल के नीचे गिर चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि मुंबई में होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मौत होने के बाद भी खतरनाक यूनिपोल को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

लम्बे समय से चल रहा कमाई का सिलसिला

यूनिपोल में दोनों तरफ विज्ञापन लगाने से हो रही कमाई नगर निगम के अधिकारियों और एजेंसियों की जेब में जा रही है। इस खेल में नगर निगम के आधा दर्जन से अधिक अधिकारी शामिल हैं। यूनिपोल से अवैध रूप से कमाई करने का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। शिकायत के बाद भी इस मामले में कार्रवाई नहीं होने से नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

ऑडिट होते ही सामने आ जाएगी हकीकत

नगर निगम ने शहर में कितने यूनिपोल लगाने की अनुमति दी है, कितने यूनिपोल में एक तरफ और कितने में दो तरफ विज्ञापन लगे हुए हैं। यूनिपोल से कितना किराया मिल रहा है। नगर निगम को यूनिपोल से कितना किराया मिलना चाहिए।

नगर निगम का ऑडिट विभाग इसका ऑडिट नहीं करता है। कागजों में ओके रिपोर्ट दे दी जाती है। यदि ननि का ऑडिट विभाग मैदान में उतरकर ऑडिट करे तो हकीकत सामने आ जाएगी। इससे यूनिपोल को लेकर लंबे समय से गड़बड़झाला चल रहा है।

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