नर्सेस की स्ट्राइक जारी, इधर आज जिला अस्पताल में एनक्यूएएस का राउंड
अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ तीसरे दिन भी प्रभावित दिखीं
डिजिटल डेस्क जबलपुर। 10 सूत्रीय माँगों को लेकर शासकीय अस्पतालों को सेवाएँ दे रहीं नर्सेस की अनिश्चितकालीन हड़ताल से अस्पतालों में मरीज परेशान हैं। नर्सिंग स्टूडेंट्स की सेवाएँ लेने के बाद भी स्थितियों में कुछ खास सुधार नहीं दिख रहा है। इधर जिला अस्पताल विक्टोरिया में आज नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) का निरीक्षण होना है। हड़ताल का असर निरीक्षण के परिणामों पर हो सकता है। ऐसे में बुधवार को कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने जिला अस्पताल में हड़ताल पर बैठीं नर्सेस से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने नर्सेस से कहा कि अस्पताल के राष्ट्रीय स्तर के निरीक्षण में अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें काम पर लौट जाना चाहिए। इसके अलावा सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा एवं सिविल सर्जन डॉ. मनीष मिश्रा ने भी नर्सेस से हड़ताल समाप्त करने को लेकर वार्ता की, हालांकि नर्सेस ने माँगें पूरी होने तक हड़ताल खत्म न करने की बात कही। बता दें कि जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के असेसर्स की 3 सदस्यीय टीम शहर आ चुकी है। जिला अस्पताल में विभिन्न वार्डों में ड्यूटी करने के लिए 40 नर्सिंग छात्राओं और 90 प्राइवेट नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। जिला अस्पताल में डॉ. संजय जैन और डॉ. अंजू कुशवाहा ने नर्सेस को राष्ट्रीय स्तर के असेसमेंट के लिए दिनभर ट्रेनिंग दी, ताकि किसी तरह की कोई चूक न हो।
नहीं निकला बातचीत का नतीजा
नर्सिंग ऑफीसर एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश भर में नर्सेस के स्ट्राइक पर जाने से अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ तीसरे दिन भी प्रभावित दिखीं। मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पताल, एल्गिन अस्पताल में नर्सेस काम छोड़कर नारेबाजी और प्रदर्शन करती हुई नजर आईं। जानकारी के मुताबिक बुधवार को एसोसिएशन के पदाधिकारी भोपाल में जुटे थे। यहाँ पर विभागीय अधिकारियों के सामने संघ ने नर्सेस की माँग रखी, लेकिन अफसरों और नर्सेस के बीच हुई चर्चा में कोई नतीजा नहीं निकला।
मेडिकल कॉलेज में बढ़ा दबाव
जानकारी के अनुसार नर्सिंग स्टाफ के साथ हड़ताल में शामिल शासकीय नर्सिंग कॉलेज की बीएससी द्वितीय व तृतीय वर्ष की छात्राओं ने रानी दुर्गावती अस्पताल में सुबह के समय कुछ प्रसूताओं की नॉर्मल डिलेवरी कराई। जिला अस्पताल में नर्सिंग छात्राओं की ड्यूटी से मरीजों को इलाज मिला। ओटी में माइनर ऑपरेशन हुए। मेजर सर्जरी के मरीजों को मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया। हड़ताल के कारण मेडिकल अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा दबाव गायनिक विभाग की ओटीपी पर बढ़ा है। इसके अलावा अस्थि रोग विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ गई है।