जबलपुर: हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए चक्करों से मुक्ति नहीं

  • लोगों का कहना- परिवहन विभाग समस्या को समझने तैयार नहीं
  • डीलरों के यहाँ बार-बार संपर्क करने पर भी नहीं मिलती जानकारी, जस का तस बना है आरसी का भी रोना
  • अप्रैल 2019 से सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट अनिवार्य कर दी गई थी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-03 09:05 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाई सिक्योरिटी नंबर लगवाने की प्रक्रिया कागजों में तो सहज लगती है। इसको परिवहन विभाग ने बड़ा आसान बना दिया है ऐसा दावा किया जा रहा है लेकिन महीनों से लोग हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए अब भी परेशानी झेल रहे हैं।

फीस जमा होने पर मोबाइल में हाई सिक्योरिटी नंबर के लिए मैसेज तो जनरेट हो जाता है लेकिन नंबर प्लेट नहीं मिल पाती क्योंकि डीलर इनकी सप्लाई समय पर नहीं कर पाते हैं।

अब तो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न मिलने की दशा में आरसी के लिए भी चक्कर लगाने की नौबत आती है क्योंकि जब तक एचएसएनपी नहीं मिलती वाहन फोर में आरसी जनरेट नहीं हो पाता है। इस तरह परिवहन विभाग के दावे इसको लेकर फेल हो रहे हैं और जनता इस नंबर प्लेट के लिए बार-बार चक्कर लगाने के लिए मजबूर है।

चक्कर के अलावा एक और मुसीबत यह है कि बिना नंबर प्लेट के जब वाहन सड़क पर चल रहा है तो उसे चालान जैसी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि डीलर्स के पास भी पर्याप्त मात्रा में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं हैं जिस वजह से वाहन मालिकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

इस नियम के तहत लगना है -

अप्रैल 2019 से सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट अनिवार्य कर दी गई थी। इसके बाद जो भी वाहन बिके, उनमें हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट डीलर्स द्वारा लगाई गई।

एक अप्रैल 2019 के पूर्व रजिस्टर्ड वाहनों के लिए भी यह प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव और प्रोसेस सहज न हो पाने से अधिकतर वाहनों में यह नम्बर प्लेट नहीं लग पा रही है। जिससे समस्या बढ़ रही है।

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