मोतियाबिंद के ऑपरेशन में निवा बूपा इंश्योरेंस ने कर दी कटौती
आरोप: सारे दस्तावेज देने के बाद जिम्मेदार जवाब भी नहीं दे रहे
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
अचानक होने वाली बीमारियों में भी बीमा कंपनियाँ कैशलेस नहीं कर रही हैं और बिल सबमिट करने पर उसे पास नहीं करती हैं। जिन बिलों को झूठा साबित करने में असफल हो जाते हैं तो उन बीमितों के बिलों में कटौती करने से बीमा अधिकारी पीछे नहीं हैं। पीड़ितों का आरोप है कि बीमा कंपनियाँ जालसाजी करने में लगी हुई हैं। ऐसी ही शिकायत उत्तर प्रदेश लखनऊ निवासी शिव दत्त तिवारी ने की है।
उन्होंने बताया कि निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ है। यह पॉलिसी बैंक के माध्यम से की गई थी। पॉलिसी क्रमांक 32289391202301 का प्रीमियम भी जमा करते आ रहे हैं। अप्रैल 2023 में उन्होंने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था। ऑपरेशन के दौरान बीमा कंपनी को कैशलेस के लिए मेल किया गया था पर बीमा अधिकारियों ने बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान करने का वादा किया था। बीमित ने ऑपरेशन के पूर्व 20 हजार रुपए एडवांस जमा किए थे और उसके बाद पूरा भुगतान अस्पताल से छुट्टी के समय जमा किया। बीमा कंपनी में सारे बिल व रिपोर्ट ऑनलाइन सबमिट किया तो वहाँ से जल्द भुगतान का वादा किया गया था। बीमा अधिकारियों ने परीक्षण के बाद बिलों में कटौती करते हुए भुगतान कर दिया। उस राशि की कटौती की जो उनके द्वारा भुगतान ही नहीं की गई थी। बीमित ने सारे बिल दोबारा दिए पर निवा बूपा कंपनी के अधिकारी मानने के लिए तैयार नहीं हैं। पीड़ित का आरोप है कि उसके साथ गोलमाल किया जा रहा है। परेशान होकर पीड़ित स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भी आवेदन देकर न्याय की गुहार लगा रहा है।
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