ब्राॅडगेज पर जबलपुर से रायपुर के लिए चले नई ट्रेन जबलपुर से दमोह रूट पर सीधे सफर की भी हो पहल
रेलवे अधिकारियों के साथ महाकौशल के सभी सांसदों की बैठक आज, कई अहम विषयों पर होगी चर्चा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
पर्यटन, उद्योग व कृषि के क्षेत्र में जबलपुर में असीम संभावनाएँ भरी पड़ी हैं। पर्यटन की बात करें तो विश्व प्रसिद्ध भेड़ाघाट, बाँधवगढ़, कान्हा नेशनल पार्क, पेंच टाइगर रिजर्व, अमरकंटक, कुंडलपुर यहाँ तक कि पचमढ़ी आदि के लिए जबलपुर एक सेंटर प्वाॅइंट है। देश ही नहीं पूरे विश्व से आने वाले सैलानियों के लिए जबलपुर ही एक ऐसा पड़ाव है, जाे महानगरीय स्तर की सुविधाओं के साथ सैलानियों की उम्मीदों पर भी खरा उतरता है। जबलपुर-नैनपुर छोटी रेल लाइन ब्राॅडगेज बनने के बाद उम्मीद की एक किरण जागी थी कि जबलपुर, दक्षिण भारत से कनेक्ट हो जाएगा लेकिन यह सपना भी पूरा नहीं हो सका। मगर अब इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि जबलपुर से गोंदिया वाया रायपुर के लिए एक नई ट्रेन तो चलाई जा सकती है, ताकि पश्चिम मध्य रेल जोन की एक सीधी ट्रेन हो सके। वर्तमान में एक ट्रेन अमरकंटक एक्सप्रेस दुर्ग से भोपाल, जबलपुर से होकर गुजरती है मगर यह ट्रेन एसईसीआर की होने के कारण पूरी तरह से बिलासपुर जोन पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
गौरतलब है कि लंबे समय बाद पश्चिम मध्य रेल के मुख्यालय स्तर पर सांसद मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक में महाकौशल के करीब दर्जनों सांसद उपस्थित होंगे। हालाँकि सभी सांसदों द्वारा अपना एजेंडा पहले ही रेलवे को सौंप दिया गया है। इसके बाद भी बैठक में किसी सांसद द्वारा ब्राॅडगेज पर जबलपुर से गोंदिया होते हुए रायपुर तक नई ट्रेन चलाने और जबलपुर-दमोह, सागर रूट पर नई रेल लाइन डालकर रेल सफर आसान करने का मुद््दा उठाया जाए तो उस पर विचार किया जा सकता है।
कटनी तक जाना मजबूरी
यदि जबलपुर से किसी को रेल मार्ग से अमरकंटक या दमोह, सागर जाना है तो पहले कटनी जाना मजबूरी है। इस मार्ग से कटनी होते हुए दमोह जाने के लिए लोगों को करीब 180 किमी का सफर तय करना पड़ता है, जिसमें चार से साढ़े चार घंटे तक लगते हैं। जानकार बताते हैं कि कटनी से जो लाइन दमोह को जोड़ती है वह सिहोरा के आगे बहोरीबंद रोड पर सलैया फाटक से होकर गुजरती है। इस लिहाज से यदि 60-70 किमी की एक नई रेल लाइन डालते हुए इसे दमोह लाइन से जोड़ दिया जाए, तो जबलपुर से दमोह सीधी रेल सुविधा मिल जाएगी, साथ ही इस रूट का 100 किमी का सफर आसानी से ढाई से तीन घंटे में तय हो जाएगा।