जबलपुर: "कॉम्प्लेक्स ट्रॉमा' में नई तकनीकों पर हुई चर्चा

जबलपुर आर्थोपेडिक एसो. की द्वितीय वार्षिक कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए देश के विभिन्न शहरों से आए विशेषज्ञ

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-02 08:13 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

जबलपुर आर्थोपेडिक एसोसिएशन की द्वितीय वार्षिक कॉन्फ्रेंस का दो दिवसीय आयोजन 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होटल विजन महल में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. गीता गुइन ने किया। इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभय श्रीवास्तव, सचिव डॉ. जतिन धीरावाणी, कोषाध्यक्ष डॉ. स्पर्श नायक, आयोजन समिति के डॉ. विश्वास शर्मा, डॉ. निशिंत गुप्ता और डॉ. नितिन वाधवा के साथ डॉ. अखिलेश गुमास्ता एवं अन्य चिकित्सक भी मौजूद रहे।

दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस "काॅम्प्लेक्स सीनेरियो एंड कॉम्प्लीकेशन्स इन आर्थोपेडिक्स' विषय पर आयाेजित हुई, जिसमें जबलपुर समेत देश के विभिन्न शहरों से आए विशेषज्ञ डॉ. डीडी तन्ना, डॉ. रविराज चौधरी, डॉ. चेतन प्रधान, डॉ. शैलेष पाई, डॉ. आलोक सी अग्रवाल व डॉ. संजीव बैनर्जी शामिल हुए। चिकित्सकों ने एक ही हड्डी के कई जगह से टूटने समेत विभिन्न तरह-तरह के "कॉम्प्लेक्स ट्रॉमा' में फ्रैक्चर ठीक किए जाने की नई तकनीकों पर डेमाे दिया।

डॉ. चटर्जी को ओरेशन अवाॅर्ड

कॉन्फ्रेंस में डॉ. एसएल मुखर्जी ओरेशन अवाॅर्ड कलकत्ता के डॉ. राजीव चटर्जी को प्रदान किया गया। डॉ. चटर्जी ने अपने व्याख्यान में लंबी हड्डियों के फ्रैक्चर में लगने वाली नेल के विकास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नेल के उपयोग की शुरुआती वर्ष 1939 से वर्ष 2023 तक आई तकनीकों के बारे में बताया। कॉन्फ्रेंस का समापन रविवार को हुआ। इस मौके पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों समेत डॉ. अभिजीत मुखर्जी, डॉ. राजीव भंडारी, डॉ. अजय सेठ, डॉ. राजीव सावंत, डॉ. बीके डांग, डॉ. सुधीर तिवारी, डॉ. संजय नागराज आदि मौजूद रहे। इस शैक्षणिक कार्यक्रम मंे मध्यभारत से करीब 150 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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