हद दर्जे की लापरवाही : 22 जून को कोर्ट में है सुनवाई, स्मार्ट सिटी ने अभी तक पेश नहीं किया जवाब

फर्जी स्मार्ट सोलर डस्टबिन के कारण फिर से गिरेगी जबलपुर की स्वच्छता रैंकिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-17 10:04 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शहर की प्राइम लोकेशन में लगाए गए फर्जी स्मार्ट सोलर डस्टबिन के कारण इस साल भी जबलपुर स्वच्छता रैंकिंग में फिसड्डी साबित हो सकता है। इसी कारण से पिछले साल भी शहर स्वच्छता रैंकिंग में 22वें नंबर पर पहुँच गया था। इसके बाद भी स्मार्ट सिटी और नगर निगम के अधिकारी फर्जी स्मार्ट सोलर डस्टबिन को हटवाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहे हैं। इनकी यह बड़ी लापरवाही शहर के स्वच्छता में पिछड़ने का कारण भी बन सकती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर और निगमायुक्त ने शहर को स्वच्छता रैंकिंग में फाइव स्टार रैंकिंग दिलाने के लिए जी-तोड़ मेहनत की थी। इसके लिए सफाई व्यवस्था और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्थाएँ दुरुस्त की गईं। फीड बैक के लिए विशेष तौर पर प्रयास किए गए। सभी को उम्मीद थी कि शहर को स्वच्छता में फाइव स्टार रैंकिंग मिल जाएगी। जब स्वच्छता रैंकिंग आई तो सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। जबलपुर को केवल वन स्टार रैंकिंग मिल पाई। इसका प्रमुख कारण फर्जी स्मार्ट सोलर डस्टबिन को माना जा रहा है।

सुनवाई में एक हफ्ते से कम समय

जानकारों का कहना है कि स्मार्ट सोलर डस्टबिन को लेकर 22 जून को कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। अभी तक स्मार्ट सिटी ने मामले में जवाब पेश नहीं किया गया है। चार साल से एसएस कम्युनिकेशन द्वारा स्मार्ट सोलर डस्टबिन हटाने पर स्थगन लिया गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि चार साल में मामले में 56 बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन जवाब पेश नहीं किया गया। इससे 22 जून को होने वाली सुनवाई पर सबकी नजरें लगी हुई हैं।

डस्टबिन के लिए मिलते हैं 50 अंक

जानकारों का कहना है कि रहवासी और व्यावसायिक क्षेत्रों में साफ-सफाई, हर 50 से 100 मीटर की दूरी पर डस्टबिन और शौचालय होने पर स्वच्छता रैंकिंग में 50 अंक मिलते हैं। इसके लिए नगर निगम ने काफी मेहनत की थी। सूत्रों का कहना है कि केन्द्र सरकार की स्वच्छता टीम ने जब शहर की प्राइम लोकेशन पर लगे फर्जी स्मार्ट सोलर डस्टबिन देखे तो पूरे नंबर काट लिए। इससे अधिकारियों की मेहतन पर पानी फिर गया। इसके बाद भी नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। जल्द ही शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है, अभी भी स्मार्ट सोलर डस्टबिन की जगह महज प्लास्टिक के डिब्बे लटके हुए हैं।

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