दोहरा हत्याकांड: मुकुल ने पुणे के रेस्टाॅरेंट में किया ऑनलाइन पेमेंट

  • पुलिस के हाथ अब भी खाली, पुणे रवाना की गई टीम
  • इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस की आधा दर्जन टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं लेकिन अभी तक वे पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
  • पुणे में मुकुल ने एक रेस्टाॅरेंट में ऑनलाइन पेमेंट किया था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-19 12:16 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित रेलवे की मिलेनियम काॅलोनी में रहने वाले अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके मासूम बेटे तनिष्क की हत्या मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं।

दोहरे हत्याकांड के आरोपी काॅलाेनी में ही रहने वाले मुकुल सिंह व मृतक की नाबालिग बेटी की तलाश में जुटी पुलिस को जानकारी लगी है कि दोनों पटना-पुणे ट्रेन में सवार हुए थे। पुणे में मुकुल ने एक रेस्टाॅरेंट में ऑनलाइन पेमेंट किया था। उसकी लोकेशन का पता लगने के बाद पुलिस टीम को पुणे रवाना किया गया है।

ज्ञात हो कि काॅलोनी के ब्लाॅक नंबर 363-3 में रहने वाले रेल मंडल के हेड क्लर्क राजकुमार विश्वकर्मा उम्र 52 वर्ष व उनके 9 वर्षीय बेटे तनिष्क की हत्या कर दी गई थी। उनकी लाश शुक्रवार को उनके क्वार्टर से बरामद की गई थी।

जाँच के दौरान काॅलोनी में रहने वाले रेलवे में सेफ्टी ओएस राजपाल सिंह का बेटा मुकुल सिंह कैमरे में नजर आया था। वह मृतक के क्वार्टर में कई बार आता-जाता नजर आया था।

वहीं शुक्रवार की दोपहर वह अपनी मोपेड लेकर निकला था और उसके पीछे मृतक की 16 वर्षीय बेटी भी काॅलोनी से निकलकर उसके साथ भाग गई थी। इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस की आधा दर्जन टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं लेकिन अभी तक वे पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।

छग से खाते में रकम ट्रांसफर

हत्याकांड की जाँच में जुटी पुलिस को सोमवार को जानकारी लगी कि आरोपी मुकुल सिंह के खाते में छग की एक कंपनी से 30 हजार रुपये ट्रांसफर किए गये हैं। मुकुल के खाते में उक्त कंपनी ने रकम क्यों भेजी है, इसकी जानकारी जुटाने के लिए एक टीम को छग रवाना किया गया है। वहीं महाराष्ट्र भेजी गई पुलिस टीम को वहाँ से पुणे भेजा गया है।

विशाखापट्टनम से बीच में पढ़ाई छोड़कर भाग आया था आरोपी

जानकारी के अनुसार वारदात के बाद पुलिस द्वारा आरोपी के भाई को अभिरक्षा में लिया गया था। उससे की गई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी मुकुल को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए परिजनों द्वारा उसका विशाखापट्टनम के बड़े स्कूल में दाखिला कराया गया था।

वहाँ से स्कूल प्रबंधन को व परिजनों को जानकारी दिए बिना ही वह पढ़ाई छोड़कर वापस जबलपुर लौट आया था। वहाँ उसकी गतिविधियाँ कैसी थीं और किस-किस से उसका परिचय था इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है।

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