गली-गली फैला है मटका सट्टे का कारोबार
कुछ पकड़े गए, कुछ को पुलिस का संरक्षण
डिजिटल डेस्क जबलपुर। शहर में संगठित अपराधों जैसे सट्टा-जुआ का कारोबार समाप्त करने लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके बावजूद जिले में मटका सट्टे का कारोबार गली-मोहल्लों तक फैला है। इनमें से कुछ नामचीन सटोरियों को पकड़कर जुलूस निकाला गया। कुछ के मकानों को तोड़ा गया, उसके बावजूद मटका सट्टा खिलाने वाले कुछ सटोरिए ऐसे हैं जिनको पुलिस का संरक्षण है और उनका कारोबार धड़ल्ले से चलता है।
जानकारों के अनुसार वर्तमान में शहर में अलग-अलग नामों से एक दर्जन से अधिक प्रकार के मटका सट्टे का संचालन हो रहा है। यह कारोबार सुबह शुरू होता है और देर रात तक निरंतर चलता रहता है। सट्टे में ओपन-क्लोज आने का जो समय निर्धारित है उससे पहले सटोरिए के पास मेला सा लगा रहता है। जानकारों की मानें तो इन सट्टों में सबसे अधिक मजूदर व गरीब वर्ग के लोगों को जुड़ाव रहता है। वे रोजाना जो कमाई करते हैं उसका अधिकांश हिस्सा सट्टे में बर्बाद कर देते हैं।
कुख्यात सटोरिए को पकड़ा
जानकारोंं के अनुसार ओमती थाना क्षेत्र में लंबे समय से मोनू सोनकर का सट्टे का कारोबार बे-रोकटोक चल रहा था। कई बार पुलिस ने इस बंद कराने का प्रयास किया लेकिन राजनैतिक दबाव व थाने के निचले स्टाफ की मिलीभगत के चलते इस पर कार्रवाई नहीं हो पाती थी। इसे पकडऩे के लिए पुलिस का विशेष दस्ता गठित किया गया था जिसके बाद पुलिस ने छापामारी कर 11 सटोरियों को पकड़ा।
सटोरियों के कारोबार पर प्रहार
क्रिकेट सट्टा खिलाने वाले दिलीप खत्री के अवैध निर्माण को ढहाए जाने की तरह ही पुलिस ने मटका सट्टा खिलाने वाले कुख्यात सटोरिए, नशे व अवैध कारोबार कराने वालों के मकानोंं को तोडऩे की कार्रवाई की है। इसमें कोतवाली क्षेत्र में सट्टे का अड्डा संचालित करने वाले नरेश ठाकुर, माफिया जायसवाल, शहजाद उर्फ कंजा, अन्नू कनौजिया आदि के अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है।