विश्वविद्यालय के डेढ़ लाख छात्रों की अंकसूची अब डिजी लाॅकर में
आरडीयू में प्रक्रिया हुई पूरी, अब छात्र कहीं से भी दस्तावेज ऑनलाइन देख सकेंगे
डिजिटल डेस्क, जबलपुर।
डेढ़ लाख छात्राें का रिकाॅर्ड रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने डीजी लॉकर में लाक कर दिया है। विश्वविद्यालय ने इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली है, साथ ही सेंट्रल गवर्नमेंट के डिजी लाॅकर पाेर्टल पर पंजीयन भी हाे गया है। अब छात्र एक क्लिक पर अपना सारा रिकॉर्ड देख सकेंगे। रादुविवि ने वर्ष 2020-21 के 1 लाख 57 हजार छात्रों के परीक्षा परिणाम का रिकाॅर्ड दर्ज किया है। वहीं अब जैसे ही आगामी परीक्षा परिणाम जारी होंगे तो उस रिकाॅर्ड को भी डिजी लाॅकर में दर्ज किया जाएगा। विद्यार्थियों काे अपना रिकॉर्ड देखने के लिए ऑनलाइन ही डिजी लॉकर पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। अब विश्वविद्यालय के जाे भी रिजल्ट बन रहे हैं, वह नए फॉर्मेट में ही बनेंगे। साथ ही डीजी लॉकर पर भी अपलाेड हाेंगे। फिलहाल प्रथम वर्ष के छात्राें की मार्कशीट के साथ ग्रेडिंग, क्रेडिट स्कोर और बेसिक जानकारी इस पर अपलाेड की गई है।
यह काम किया जा रहा है
विवि ने अभी प्रथम वर्ष और प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर के रिजल्ट डिजी लॉकर में अपलाेड किए हैं। जिसमें बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए जैसे यूजी काेर्स के साथ ही एमए, एमकाॅम, एमएससी, एमबीए, बीएड व एमएड, बीए-एलएलबी, एलएलबी सहित जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। डिजी लाॅकर में ऑनलाइन पंजीयन के साथ ही विद्यार्थियों को यूनिक आइडी और पासवर्ड मिलेगा। उसी के आधार पर वह लाइफ-टाइम यह डेटा देख सकेगा। हर वर्ष ऑनलाइन डेटा को अपडेट किया जाएगा।
एमपी ऑनलाइन को नोडल एजेंसी बनाया गया है। उसके द्वारा डेटा फीडिंग की जा रही है। बीते वर्षों के परिणाम भी अपलोड किए जाएँगे। इससे छात्रों को लाभ मिलेगा।
डाॅ. दीपेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि
सत्यापन में नहीं होगी परेशानी
सरकारी नौकरी और बड़ी कंपनी में नौकरी के लिए छात्र जब आवेदन करते हैं तो उनके दस्तावेजाें का सत्यापन करवाया जाता है। यह प्रक्रिया लंबी होती है। पहले मैन्युअली दस्तावेजों को संबंधित संस्था के पास भेजा जाता है उसके बाद जाँच-पड़ताल के पश्चात सत्यापन होकर दोबारा दस्तावेज भेजे जाते हैं इसमें वक्त लगता है। डिजी लाॅकर में दस्तावेज होने से ऑनलाइन कहीं भी जाँच की जा सकती है।