मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी में कार्यपरिषद की बैठक में कई अहम निर्णय, 2 पैरामेडिकल कॉलेजों की सम्बद्धता ली वापस
नहीं हो पाईं पुरानी परीक्षाएँ, नए सत्र को शून्य करने की अनुशंसा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी का एग्जाम कैलेण्डर पटरी से उतरने के कारण नए सत्र को शून्य करने की नौबत आ गई है। इसके पीछे की वजह पुरानी परीक्षाओं का अब तक न होना है। शुक्रवार काे यूनिवर्सिटी में हुई कार्यपरिषद की बैठक में नर्सिंग और पैरामेडिकल संकाय के लिए आगामी सत्र 2023-24 को शून्य करने की अनुशंसा सरकार के समक्ष सदस्यों ने की है, जिसकी वजह आने वाले सत्र के एग्जाम समय पर न करा पाने को बताया गया है। ईसी सदस्य सुनील राठौर ने बताया कि आईएनसी के नए नियमों के मुताबिक अब नए सत्र में प्रवेश के लिए प्री-नर्सिंग टेस्ट अनिवार्य होगा। इसके बाद ही शासकीय और निजी नर्सिंग कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिलेगा। मेडिकल विवि को अभी सत्र 2020 और इसके बाद की परीक्षाएँ करानी हैं, ऐसे में नए सत्र को समय पर शुरू करना और फिर समय पर परीक्षाएँ करा पाने की संभावना बेहद कम है। यही कारण है कि सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सरकार के समक्ष सत्र 2023-24 को शून्य करने की अनुशंसा की जाए। बैठक में 2 पैरामेडिकल कॉलेजों को दी गई सम्बद्धता को वापस लेने का निर्णय भी लिया गया। इनमें छिंदवाड़ा के एक कॉलेज को सत्र 2020-21 और भोपाल के एक कॉलेज को सत्र 2019-20 और सत्र 2020-21 की सम्बद्धता शामिल है। जानकारी के अनुसार लीगल ओपीनियन लेने के बाद यह निर्णय लिया गया। इसके अलावा विवि में डिजिटलाइजेशन के लिए जल्द ओपन टेंडर जारी किए जाने पर भी निर्णय लिया गया। बैठक में विवि के कुलपति समेत ईसी सदस्य एवं अधिकारी मौजूद रहे।