जबलपुर: पुश्तैनी बिजनेस छोड़कर बदला ट्रैक, "लाइफस्टाइल' को बनाया ब्रांड

  • फिल्मी कहानी से कम नहीं लाइफस्टाइल फर्नीचर और इंटीरियर के एमडी आशीष आहूजा के स्टार्टअप की दास्तान
  • आशीष आहूजा आरके बिस्किट कंपनी और जबलपुर की पहली मैदा मिल के परिवार से हैं।
  • शुरुआती दौर में किराए के महज पाँच हजार वर्गफीट जगह से काम की शुरुआत की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-24 09:34 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बिजनेस की दुनिया में शून्य से शिखर तक पहुँचने की कहानियाँ तो कई हैं, लेकिन पुश्तैनी बिजनेस को अचानक छोड़कर नए ट्रैक पर चलकर नया व्यापार शुरू करना बहुत बड़ी चुनौती होती है। पुरानी कहावत है, अगर इंसान ठान ले तो कोई काम मुश्किल नहीं।

ऐसी ही दिलचस्प कहानी शहर के लाइफस्टाइल फर्नीचर व इंटीरियर के एमडी आशीष आहूजा की है, जिन्होंने अपनी क्रिएटिव सोच और जी-तोड़ मेहनत से न सिर्फ नए व्यापार में सफलता पाई, बल्कि लाइफस्टाइल फर्नीचर व इंटीरियर को ब्रांड बना दिया।

आशीष आहूजा आरके बिस्किट कंपनी और जबलपुर की पहली मैदा मिल के परिवार से हैं। डेली कॉलेज, इंदौर से पढ़ाई और फिर एमबीए करने के बाद आशीष पर अपने पुश्तैनी बिजनेस को संभालने की दबाव था।


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लेकिन लीक से हटकर कुछ करने की इच्छा के चलते आशीष ने अपने पिता से फर्नीचर और इंटीरियर डेकोरेशन का काम शुरू करने की इच्छा जाहिर की।

कठिन रास्ते को बनाया आसान

आशीष आहूजा ने बताया कि परिवारवालों को नए बिजनेस की शुरुआत करने के लिए उन्होंने मना लिया, लेकिन महज 26 साल की उम्र में अकेले, कम बजट और व्यापार में सफल होने का बड़ा चैलेंज लेकर श्री आहूजा मैदान में उतर गए।

शुरुआती दौर में किराए के महज पाँच हजार वर्गफीट जगह से काम की शुरुआत की और आज खुद का 35 हजार वर्गफीट में बहुमंजिला आलीशान शोरूम बना लिया, जहाँ फर्नीचर के साथ घर की साज-सज्जा का हर सामान नई वैरायटी के साथ मौजूद है।


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हर वर्ग के बजट का रखते हैं ध्यान

आशीष आहूजा की मानें तो नए बिजनेस के जरिए सिर्फ पैसा कमाना ही उनका उद्देश्य नहीं था, बल्कि जबलपुर के लोगों में मेट्रो सिटीज की तरह लाइफस्टाइल को विकसित करने की सोच पैदा करना और एलीट क्लास के साथ क्वाॅलिटी, हर वर्ग के बजट के अनुसार जरूरतों को पूरा करने का उद्देश्य था, जिसे उन्होंने आज तक कायम रखा है, इसलिए लाइफस्टाइल फर्नीचर में आज भी सभी वर्ग के लोगों का विश्वास बना हुआ है।

कई देशों से करते हैं खरीददारी

श्री आहूजा के अनुसार अपने व्यापार को अलग पहचान देने के लिए फर्नीचर और इंटीरियर डेकोरेशन से जुड़ी चीजों की खरीददारी वे कई देशों से करते हैं। सोफे और लकड़ी का सामान वे श्रीलंका और वियतनाम से इंपोर्ट करते हैं।

साज-सज्जा की चीजें चायना से बुलाते हैं, तो गार्डन फर्नीचर मलेशिया से खरीदते हैं। इसके अलावा वुडन फ्लोरिंग और वॉल पेपर यूरोपियन देशों से लेते हैं।

अब ज्यादा चैलेंजिंग हुआ जॉब

श्री आहूजा ने बताया कि वैसे तो वे शुरू से ही फर्नीचर और इंटीरियर के सारे ब्रांड व वैरायटी ग्राहकों को देते रहे हैं, लेकिन अब बिजनेस करना ज्यादा चैलेंजिंग हो गया है, क्योंकि इंटरनेट पर हर दिन नई-नई चीजें देखकर क्लाइंट्स डिमांड करते हैं, जिसके कारण उन्हें और उनकी टीम की मेहनत बढ़ जाती है।

लेकिन डिमांड पूरी की जाती है, जिससे लाइफस्टाइल का विश्वास कायम है। डिमांड अनुसार फर्नीचर बनाया भी जाता है।


इंडिया के टॉप फर्नीचर शाेरूम में शामिल

श्री आहूजा के अनुसार वे शुरू से ही चाहते थे कि उनके नए बिजनेस का देश-दुनिया में नाम हो, इसलिए 20 साल की मेहनत रंग लाई और लाइफस्टाइल फर्नीचर आज देश के टॉप शोरूम्स में शामिल हो चुकी है।

हाल ही में उन्होंने भोपाल में अपना नया शोरूम बनाया, जहाँ जबरदस्त सफलता मिली। श्री आहूजा ने बताया कि बिजनेस सफल होने के साथ सबसे ज्यादा खुशी उन्हें इस बात की है कि आज देश भर में लाइफस्टाइल फर्नीचर को जबलपुर का ब्रांड कहा जाता है।

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