जबलपुर: नाबालिग बेटियों के नाम दर्ज हुई भूमि, नाना बने संरक्षक

  • नामांतरण और बंटवारा के सैकड़ों प्रकरण बिना हीला-हवाली के निराकृत हुए
  • राजस्व अनुभाग में 1 हजार 517 प्रकरणों में से 692 प्रकरण निराकृत हुए हैं।
  • कलेक्टर ने तहसील जबलपुर में जाकर राजस्व शिविर की गतिविधियों का अवलोकन किया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-06 09:01 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नामांतरण और बंटवारा के प्रकरणों को हल कराने में कई लोग अपना जीवन खपा देते हैं लेकिन उसके बाद भी दस्तावेज जीते जी उनके हाथ नहीं आता। इस सरकारी रवैये पर फिल्मों से लेकर सीरियल तक बन गए। अधिकारी आए और चले गए। ढर्रा नहीं बदला। अब ऐसा नहीं होगा। 15 दिनों पहले एक लाचार बुजुर्ग नाना ने नामांतरण का प्रकरण दायर किया। शुक्रवार को उनकी दोनों नाबालिग नातिनों के नाम भूमि का नामांतरण हो गया और नाना को संरक्षक बनाया गया।

यह सब हुआ अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों को शिविर के माध्यम से हल करने की मुहिम के चलते। शुक्रवार से तहसील स्तर पर प्रारंभ हुए जुलाई माह के पहले दो दिवसीय शिविर में तहसीलदार राँझी द्वारा नाबालिग बेटियों के नाम पर भूमि का नामांतरण आदेश पारित किया गया। नामांतरण का यह आवेदन आयुषी डेहरिया और कनिष्का डेहरिया द्वारा दिया गया था।

आयुषी और कनिष्का के माता-पिता की सितंबर 2023 में छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा में हत्या कर दी गई थी। आवेदन में दोनों बेटियों ने राँझी तहसील स्थित माँ वंदना डेहरिया के नाम दर्ज करीब 264 वर्गफीट भूमि का नामांतरण अपने नाम पर करने का आग्रह किया था।

तहसीलदार राजीव मिश्रा ने इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए न केवल शिविर में नामांतरण आदेश पारित किया, साथ ही नामांतरण आदेश में संरक्षक बनाए गए उनके नाना रमेश कुमार डेहरिया को खसर और नक्शा की अद्यतन प्रति भी प्रदान की। कमिश्नर अभय वर्मा और कलेक्टर ने तहसील जबलपुर में जाकर राजस्व शिविर की गतिविधियों का अवलोकन किया।

692 प्रकरण हुए निराकृत

कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर आयोजित राजस्व शिविरों में अविवादित नामांतरण, बंटवारा के कई प्रकरण निराकृत हुए। एसडीएम जबलपुर अभिषेक सिंह ने बताया कि उनके राजस्व अनुभाग में 1 हजार 517 प्रकरणों में से 692 प्रकरण निराकृत हुए हैं।

उन्होंने कहा कि तहसील स्तर पर आयोजित राजस्व शिविर में जबलपुर तहसील में 207 में से 115, बरेला में 289 में से 144, बरगी में 262 में से 204, पनागर में 759 में से 254 प्रकरणों का निराकरण हुआ।

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