ज्वाॅइंट वेंचर शासन, लोगों और कर्मचारियों के लिए नुकसानदेह

कर्मचारियों के पदोन्नति के रास्ते बंद हो जाएँगे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-09 08:49 GMT

डिजिटल डेस्क, जबलपुर।

मध्यप्रदेश पाॅवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह में सेवानिवृत्त हो चुकी इकाई के स्थान पर नवीन इकाई की स्थापना के लिए मेसर्स एसईसीएल के साथ ज्वाॅइंट वेंचर के माध्यम से नवीन कंपनी का गठन किया जा रहा है। इसके गंभीर परिणामों के संबंध में पूर्व में ही अभियंता संघ पत्रों के माध्यम से कंपनी प्रबंधन एवं प्रशासन को अवगत करा चुका है लेकिन ऊर्जा विभाग की हठधर्मिता के कारण लगातार लिखित आश्वासन के बावजूद ज्वाॅइंट वेंचर की प्रक्रिया की जा रही है। मप्र अभियंता संघ के महासचिव विकास शुक्ला ने बताया कि संघ ने शासन को पत्र मे लिखा है कि ज्वाॅइंट वेंचर के माध्यम से इकाई लगाने पर मध्य प्रदेश को 133 करोड़ प्रति वर्ष अतिरिक्त वित्तीय भार, प्रति यूनिट महंगी बिजली, कर्मचारियों के पदोन्नति के रास्ते बंद हो जाएँगे। जिसका नुकसान मध्य प्रदेश शासन को उठाना पड़ेगा। आनन-फानन में किए जा रहे ज्वाॅइंट वेंचर में 51 फीसदी हिस्सेदारी होने के बावजूद भी समान अनुपात में निदेशक मंडल होने के कारण मध्य प्रदेश सरकार का स्वामित्व भी नहीं रख पा रही है। प्रबंधन द्वारा यह भी स्वीकारा गया है कि कंपनी अमरकंटक ताप विद्युत परियोजना का स्क्रैप 77 करोड़ नीलामी के माध्यम से दे चुकी है।

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