Jabalpur News: गुलौआ चौक-लिंक रोड से खदेड़े गए सब्जी के ठेले वाले फेरी के नाम पर फिर घेर रहे सड़क

  • गढ़ा ओवरब्रिज के नीचे शुरू किए गए हॉकर्स जोन की व्यवस्था को चौपट करने पर उतारू
  • कार्रवाई करने वाली नगर निगम की टीम भी लापता
  • लोगों का कहना है कि कब्जा हटाकर भलाई के लिए किया गया काम नगर निगम कर्मचारियों ने खुद ठिकाने लगा दिया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-19 12:45 GMT

Jabalpur News: गुलौआ चौक में सड़क पर कब्जा कर सब्जी की दुकानें लगाने वालों को उठाकर गढ़ा ओवरब्रिज के नीचे बने आधुनिक हाॅकर्स जोन में पहुँचाया गया था। इस व्यवस्था में सब्जी की दुकान वाले तो हाॅकर्स जोन में शिफ्ट हो गए, लेकिन ठेले वालों ने फेरी के नाम पर चौराहे पर फिर कब्जा करना शुरू कर दिया।

इसी तरह लिंक रोड यादव काॅलोनी मार्ग पर सड़क पर कुछ दुकानों का लगना तो कम हुआ, लेकिन यहाँ भी ठेले वालों ने सड़क पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया। उधर गौतम मढ़िया में भी सब्जी के ठेले वालों ने सड़क को जाम करना शुरू कर दिया।

शहर के पश्चिमी हिस्से के तीन बड़े अलग-अलग क्षेत्रों में ठेले में सब्जी बेचने वालों ने हाॅकर्स जोन के लिए बनाए गए सिस्टम को फेल कर दिया है। लिंक रोड से रानीताल रोड, गौतम मढ़िया के करीब और गुलौआ चौक के नजदीक इस तरह तीन हिस्सों में ये सब्जी के ठेले सड़क पर कब्जा करने के साथ फिर से परेशानी पैदा करने लगे हैं।

कब्जा लेने के बाद गायब हो गए

ओवरब्रिज के नीचे जो हाॅकर्स जोन बनाया गया उसमें सब्जी की दुकानों के लिए जगह दी गई। इसके लिए लोगों ने अपनी जगह घेरी, सब्जी की दुकान का नंबर डाला और शेड के नीचे जमीन मिलने पर उसमें भविष्य के नजरिए से कब्जा करने के बाद रोड पर दुकान लगाना शुरू कर दिया।

ठेले वालों ने कब्जा करने के उद्देश्य से अपनी दुकान दर्शाने के लिए शेड के नीचे रखी और अतिक्रमण रोड पर भी कर रखा है। इस तरह लाखों की आबादी के लिए ये ठेले वाले जगह मिलने के बाद भी मुसीबत पैदा करने में कसर नहीं छोड़ रहे।

निगरानी टीम का अता-पता नहीं

नगर निगम के अतिक्रमण दल ने गढ़ा ओवरब्रिज के नीचे सब्जी मंडी व्यवस्थित कर व ठेले और दुकान वाले सड़क पर कब्जा न कर सकें इसके लिए निगरानी टीम बनाई थी। इस निगरानी टीम में गढ़ा, कछपुरा जोन के कर्मचारियों को शामिल किया गया था। कुछ दिन तक इस टीम ने अपना काम किया पर बाद में इन्हीं ठेले वालों पर मेहरबान होकर इन्हें सड़क घेरने की खुली छूट दे दी गई। लोगों का कहना है कि कब्जा हटाकर भलाई के लिए किया गया काम नगर निगम कर्मचारियों ने खुद ठिकाने लगा दिया।

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