Jabalpur News: लीनियर एक्सीलरेटर मशीन के अभाव में अधूरा स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट

  • सिकाई के लिए पुरानी तकनीक पर निर्भर मरीज
  • नई मशीन के लिए प्रक्रिया जारी, कुछ महीनों में स्थापित होने की उम्मीद
  • नई बिल्डिंग में शिफ्टिंग के बाद बिस्तरों की संख्या 70 पहुँच गई है, पुरानी बिल्डिंग की क्षमता 53 बिस्तरों की थी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 12:00 GMT

Jabalpur News: नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में न सिर्फ संभाग, बल्कि पूरे महाकाेशल, विंध्य और बुंदेलखंड के कुछ हिस्सों से कैंसर के मरीज उपचार के लिए आते हैं, लेकिन सिकाई के लिए मरीज आज भी दशकों पुरानी मशीनों और तकनीक पर ही निर्भर हैं।

कॉलेज में बनाए गए स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में 2 वर्ष पहले मरीजों को भर्ती कर उपचार करना तो शुरू कर दिया गया, लेकिन सिकाई की अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलरेटर मशीन अब तक नहीं आई है। अत्याधुनिक मशीनों के अभाव में मरीजों को आधुनिक उपचार नहीं मिल रहा है। नई बिल्डिंग में बिस्तरों की क्षमता 200 तक है, लेकिन इसके मुकाबले स्टाफ भी कम है।

लीनियर एक्सीलरेटर मशीन राज्य शासन द्वारा प्रदान की जानी है, जिसे लेकर लंबे वक्त से प्रक्रिया रुकी हुई थी, हालांकि अब अधिकारियों का कहना है मशीन लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है और कुछ महीनों में मशीन इंस्टाॅल की जाएगी।

ज्यादा सुरक्षित है लीनियर एक्सीलरेटर

जानकारी के अनुसार इंस्टीट्यूट में आधुनिक मशीनें लगाई जानी हैं। इनमें सबसे प्रमुख लीनियर एक्सीलरेटर मशीन है। यह थैरेपी में प्रयोग की जाने वाली कोबाल्ट मशीन का आधुनिक रूप है। यह ज्यादा सुरक्षित और बेहतर है। संस्थान में 3 बंकर, 3 लीनेक मशीनें लगाने के लिए बनाए गए हैं, फिलहाल 1 मशीन स्थापित करने की तैयारी है।

समय के साथ बढ़ रहे मरीज

चिकित्सकों के अनुसार बीते कुछ वर्षों में मेडिकल कॉलेज के कैंसर हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले जहाँ रोजाना 100 से 150 मरीज आते थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 200 तक पहुँच रही है। नई बिल्डिंग में शिफ्टिंग के बाद बिस्तरों की संख्या 70 पहुँच गई है, पुरानी बिल्डिंग की क्षमता 53 बिस्तरों की थी।

स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में लगने वाली लीनियर एक्सीलरेटर मशीन के टेंडर से जुड़ी प्रक्रिया भोपाल स्तर से हो रही है। मेरी जानकारी में टेंडर हो गया है। 1-2 महीने में ही संबंधित कंपनी द्वारा मशीन इंस्टाॅल कर दी जाएगी।

-डॉ. नवनीत सक्सेना, डीन, मेडिकल कॉलेज

6 ऑपरेशन थियेटर, सिर्फ 1 चालू

बताया जा रहा है कि इंस्टीट्यूट में 6 आधुनिक ऑपरेशन थियेटर बनाए गए हैं, लेकिन उनमें से केवल एक ही चालू है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपकरण न आने के चलते यह स्थिति बनी है। वहीं जो ऑपरेशन थियेटर चालू है, उसे मेडिकल कॉलेज से मिले उपकरणों की मदद से संचालित किया जा रहा है। वहीं आईसीयू का एक वार्ड समेत 2 वार्ड भी अन्य कार्यों में उपयोग हो रहे हैं।

आँकड़ों में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट

152 करोड़ लागत

200 बिस्तरों की कुल संख्या

2014 में प्रोजेक्ट की घोषणा

2016 में भवन निर्माण शुरू हुआ

2022 में बनकर तैयार हुआ

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