Jabalpur News: Jabalpur News श्री राम ने छोड़ा तीर और धू...धू...कर जला रावण का अहंकार
-शासकीय आयुर्वेद कॉलेज मैदान में पंजाबी हिन्दू एसोसिएशन द्वारा 72वें पंजाबी दशहरा महोत्सव में झिलमिलाती अतिशबाजी के बीच हुआ रावण का पुतला दहन
Jabalpur News। आसमान में झिलमिलाती रोशनी बिखेरती आतिशबाजी हर किसी को आकर्षित कर रही थी। वहीं इस बीच धू.. धू.. कर जल रहा था रावण। बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न इस दौरान देखते ही बन रहा था। यह अवसर था शासकीय आयुर्वेद कॉलेज मैदान में पंजाबी हिन्दू एसोसिएशन द्वारा 72वें पंजाबी दशहरा महोत्सव का। जहाँ प्रभु श्रीराम ने 75 फुट ऊँचे रावण पर बाण छोड़े और कुछ ही पलों में विशाल रावण और कुँभकरण के पुतले देखते ही देखते जलकर खाक हो गए। यहाँ पंजाब के प्रसिद्ध कलाकारों की टीम द्वारा प्रस्तुत नृत्य और संगीत की प्रस्तुति ने लोगों का मनोरंजन किया। वहीं शहर के गायक कलाकार ईशान मिनोचा ने मेरे श्री राम आए है.., मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे.., राम जी की निकली सवारी.., मेरी राम जी कह देना जय सिया राम...। जैसे गीतों की प्रस्तुतियाँ दीं।
दिखाई दिया पंजाब का कल्चर...
पंजाबी सिंगर लक धारीवाल और लड्डी चहल ने पंजाबी गीतों से समाँ बाँधा और उपस्थित दर्शकों में उत्साह जगाया। वहीं पंजाब की संस्कृति की झलक दिखलाते लोक कलाकारों ने गिद्दा, लुड्डी और जिन्दुआ नृत्य परफॉर्म किया। इस दौरान पंजाबी बीट्स पर दुलदुल घोड़ी और मोर भी थिरकते नजर आए। अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त श्याम बैंड ने भी प्रभु श्रीराम को समर्पित गीतों की धुनों से माहौल को भक्तिमय बनाया।
राम जी की निकली सवारी आगे आगे श्याम बैंड और पीछे पीछे राम जी की सवारी...।
इन झलकियों को हर किसी ने अपने कैमरे में कैद किया। मधुर गीतों की धुनों पर श्रीराम की झांकी निकली। धर्म पर चलने की सीख देता है यह उत्सव समारोह में नृसिंह पीठाधीश्वर जबलपुर के डॉ. स्वामी नरसिंहदास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने रावण का वध करके यह संदेश दिया कि यह धरा भक्तों, संतों की है। यहाँ रावण जैसी प्रवृत्ति रखने वाले लोगों के लिए यहाँ कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी को अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। समारोह में विशिष्ट अतिथि वृंदावन से पधारे आचार्य कौशिक महाराज ने कहा कि दशहरा उत्सव धर्म पर चलने की सीख देता है। उन्होंने बताया कि माता सीता शांति स्वरूप है। यदि कोई किसी के घर की शांति के साथ खिलवाड़ करेगा, तो उसका वहीं अंजाम होगा जो रावण का हुआ था।
कार्यक्रम में पूर्व वित्त मंत्री तरूण भनोत ने आगे भी ऐसे सफल आयोजन होने की बात कही। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री चन्द्रकुमार भनोत का मार्गदर्शन रहा। अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष नरेन्द्रपाल मलिक ने की। उन्होंने समारोह के दौरान पंजाबी दशहरा के संस्थापक स्व. चरणजीत साहनी की पुण्यतिथि पर उनकी नि:स्वार्थ सेवाओं को याद कर नमन किया। इस अवसर पर उमेश खुराना, नरेश ग्रोवर, राजीव ओबेराय, उमेश शर्मा, उषा खुराना, अंशुल मलिक, रघुवर कपूर, गुलशन माखीजा, नरेद्र धमीजा, प्रमोद मरवाहा, संजय अरोरा, राकेश गुप्ता, इंदर बिरमानी, प्रदीप वाधवा, दीपक चंडोक, संजीव मलिक, दीपक वर्मा,संदीप सेठी, जगदीश साहनी, आशीष खुराना, अंशुल कोहली, श्याम साहनी, मनमोहन कोचर, अजीत मिनोचा, नीरज ब्योत्रा, प्रवेश खेड़ा, विष्णु पटेल आदि की उपस्थिति रही।