Jabalpur News: पटाखों के साथ उड़े धूल के कण, सहने की क्षमता से ऊपर पहुँचा ध्वनि प्रदूषण
- दीपावली की रात एक्यूआई बीते साल के मुकाबले कुछ कम, लेकिन दो दिन में अचानक हुआ इजाफा, अभी और बिगड़ेगी वायु की गुणवत्ता
- पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विभाग इस पर लगातार नजर रखे हुये हैं।
Jabalpur News: शहर में दीपावली की रात फोड़े गये पटाखों की वजह से हवा में छोटे धूल के कण पार्टिकुलेट मैटर की सीमा खराब स्थितियों तक पहुँची। इसकी वजह से धुंध, धूल और मिट्टी के कण लोगों के फेफड़ों तक प्रवेश कर गये, यह इस पैमाने तक पहुँचे। वैसे बीते साल के मुकाबले एक्यूआई कुछ नीचे स्तर पर 193 दर्ज किया गया, लेकिन इसमें 48 घंटों के अंदर अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। बीते साल दीपावली की रात एक्यूआई 331 दर्ज किया गया था।
दीपावली की रात मुख्य समस्या पीएम-10, 2.5 से रही, जिन्हें वातावरण में पटाखे छोड़े जाने के बाद धूल के कण ने बढ़ाये। इसके अलावा पटाखों की वजह से ध्वनि प्रदूषण भी सहने की क्षमता से ऊपर पहुँचा।
शहर के चार हिस्सों में दर्ज किया जा रहा ध्वनि प्रदूषण दीपावली की रात 90 डेसीबल तक पहुँचा, जबकि यह सामान्य हालातों में 65 के करीब दर्ज होता है। एक्सपर्ट के अनुसार अभी एक्यूआई आगे ऊपर जा सकता है। पटाखों के साथ सर्दी के सीजन में यह स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। पाॅल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विभाग इस पर लगातार नजर रखे हुये हैं। लोगों को इस दिशा में जागरूक भी किया जा रहा है।
क्या है पीएम -10 और पीएम -2.5
पीएम 10 का मतलब होता है कि हवा में मौजूद कण 10 माइक्रोमीटर से भी छोटे हैं और जब पीएम 10, पीएम 2.5 का स्तर 100 से ऊपर पहुँचता है तो ये खराब श्रेणी को दर्शाता है। इसका मतलब यही होता है कि हवा में धूल, मिट्टी, धुंध के कण ज्यादा मात्रा में मौजूद हैं, जो आसानी से साँस के जरिए आप के फेफड़ों तक पहुँच सकते हैं। इनका ज्यादा बढ़ना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है। अस्थमा, श्वास संबंधी बीमारियों, एलर्जी से जूझ रहे लोगों के लिए ऐसा वातावरण घातक साबित होता है।