Jabalpur News: 3 साल में 20 करोड़ रुपए फूँके, फिर भी जगह-जगह उखड़ रहे पेवर ब्लॉक

  • धूल रोकने के लिए लगाए गए थे पेवर ब्लॉक, निगम नहीं करता मेंटेनेंस
  • पेवर ब्लॉक लगाने के काम में बड़े पैमाने पर घटिया निर्माण कार्य किया गया है।
  • पेवर ब्लॉक लगाने का सबसे ज्यादा काम एयर क्वालिटी इंडेक्स फंड से मिली राशि से किया गया था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 13:00 GMT

Jabalpur News: नगर निगम ने सड़कों के किनारे धूल कम करने के लिए पिछले तीन साल में पेवर ब्लॉक लगाने पर 20 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। हालत यह है कि शहर में जगह-जगह पेवर ब्लॉक उखड़ने लगे हैं लेकिन नगर निगम की ओर से मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है। इससे सुंदरता खराब होने के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम ने तीन साल पहले सड़कों के किनारे पेवर ब्लॉक लगाए थे।

इसका उद्देश्य सड़क के किनारे धूल को काम करना था। सूत्रों का कहना है कि पेवर ब्लॉक लगाने का सबसे ज्यादा काम एयर क्वालिटी इंडेक्स फंड से मिली राशि से किया गया था। पेवर ब्लॉक लगाने में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। इसके कारण रामपुर चौक, सिविक सेंटर, करमचंद चौक, घंटाघर, कलेक्ट्रेट चौक, चंचल बाई कॉलेज मार्ग, राइट टाउन, गढ़ा, गुलौआ चौक, विजय नगर, दीनदयाल चौक, मदर टेरेसा नगर, दमोह नाका, अधारताल, गौरीघाट और तिलवाराघाट क्षेत्र में सड़क के किनारे लगे पेवर ब्लॉक उखड़ रहे हैं।

एक-दूसरे से लॉक रहते हैं पेवर ब्लॉक

जानकारों का कहना है कि पेवर ब्लॉक एक-दूसरे के साथ लॉक रहते हैं। यदि उन्हें आपस में सही तरीके से लॉक नहीं किया जाए तो वह उखड़ने लगते हैं। कमाई के चक्कर में ज्यादातर ठेकेदारों ने जमीन समतल किए बिना ही पेवर ब्लॉक बिछा दिए। इससे कुछ दिनों में ही में पेवर ब्लॉक उखड़ गए।

घटिया निर्माण पर नहीं दिया ध्यान

जानकारों का कहना है कि पेवर ब्लॉक लगाने के काम में बड़े पैमाने पर घटिया निर्माण कार्य किया गया है। निर्माण कार्य के दौरान नगर निगम के अधिकारियों ने मॉनिटरिंग भी नहीं की। क्षेत्रीय नागरिकों ने निर्माण कार्य के दौरान नगर निगम के अधिकारियों से शिकायतें कीं, लेकिन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटिया निर्माण कार्य की वजह से पेवर ब्लॉक उखड़ने लगे हैं।

कई जगह खुदाई के कारण उखड़े

नगर निगम द्वारा पाइप लाइन सुधार और अन्य कार्यों के लिए सड़क और उसके किनारे गड्ढे खोदे जाते हैं, इससे पेवर ब्लॉक उखड़ जाते हैं। कई जगह पर कार्यक्रमों के लिए पंडाल लगाने के लिए खुदाई की जाती है। इसके बाद वहाँ पर दोबारा पेवर ब्लॉक नहीं लगाए जाते हैं। धीरे-धीरे कर पूरे क्षेत्र के पेवर ब्लॉक उखड़ जाते हैं। नागरिकों का कहना है कि पेवर ब्लॉक के ऊपर खुदाई करने वालों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

शहर में जहाँ पर पेवर ब्लॉक उखड़ गए हैं, वहाँ पर दोबारा पेवर ब्लॉक लगाए जाएँगे, ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। इसके साथ ही पेवर ब्लॉक लगाने के काम की मॉनिटरिंग भी कराई जाएगी।

कमलेश श्रीवास्तव, प्रभारी अधीक्षण यंत्री, नगर निगम

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