Jabalpur News: लकवाग्रस्त बुजुर्ग से जनपद कर्मी ने अवैध तरीके से वसूले 12 हजार

  • कलेक्टर से मिलकर की गई शिकायत
  • वृद्धावस्था पेंशन और पीएम आवास के लिए कुंडम जनपद में हुआ काला कारनामा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-01 13:37 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लकवाग्रस्त लाचार बुजुर्ग ने एक साल पहले वृद्धावस्था पेंशन और प्रधानमंत्री आवास के लिए कुंडम जनपद में आवेदन किया था। जनपद के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने बुजुर्ग की लाचारी का लाभ लेते हुए सीधे 17 हजार रुपए की डिमांड कर दी और वादा भी कर दिया कि दोनों ही काम करवा दूँगा। बुजुर्ग ने अपने बेटे की मार्फत 12 हजार रुपए की राशि उसे दे भी दी और काम हो जाने के बाद 5 हजार रुपए और देने की बात तय हुई।

जब काम नहीं हुआ ताे बुजुर्ग के बेटे ने राशि वापस माँगी, जिस पर 5 हजार रुपए लौटाए भी गए लेकिन कुछ ही दिन बाद फिर से ले लिए गए। साल भर बाद भी जब काम नहीं हुआ तो बुजुर्ग ने बेटे के माध्यम से कलेक्टर को शिकायत दी है। कलेक्टर दीपक सक्सेना को दी गई शिकायत में प्रदीप कुमार साहू पिता राजेन्द्र प्रसाद साहू ने उल्लेख किया है कि जुलाई 2023 में पिता राजेन्द्र साहू के नाम से वृद्धावस्था पेंशन और प्रधानमंत्री आवास की फाइल दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी छोटेलाल सोनी को दी गई थी।

उसने दोनों काम के लिए 17 हजार रुपए की राशि माँगी थी। इस पर 20 जुलाई को प्रदीप ने 12 हजार रुपए फोन-पे के माध्यम से छोटेलाल सोनी को भेज दिए और 5 हजार रुपए काम होने के बाद देने की बात तय की गई। इसके बाद वह लगातार कहता रहा कि काम हो जाएगा लेकिन अक्टबूर 2023 तक जब काम नहीं हुआ तो प्रदीप ने राशि वापस माँगी, जिस पर उसने 5 हजार रुपए वापस भी कर दिए।

इसके बाद बाकी के रुपए लेने जब प्रदीप 11 मार्च 2024 को जनपद गया तो छोटेलाल ने कहा कि मैं 15 दिन में तुम्हारा काम करवा दूँगा, तुम बाकी के रुपए दे दो। यह कह कर उसने प्रदीप को फिर से भरोसे में ले लिया। इसके बाद दूसरे ही दिन प्रदीप ने 5 हजार रुपए फिर उसे दे दिए।

फोन तक नहीं उठाता

12 मार्च 2024 को प्रदीप ने उसे 5 हजार रुपए दिए और इसके बाद छोटेलाल पूरी तरह बदल गया। रुपयों की लालच में वह यह भी भूल गया कि पलंग पर पड़ा एक बुजुर्ग रोज इस बात का इंतजार करता है कि उसकी पेंशन चालू होने वाली है और उसे पीएम आवास योजना का पक्का मकान मिलने वाला है। प्रदीप छोटेलाल को लगातार फाेन लगाता रहा लेकिन वह कोई जवाब नहीं देता था। थककर सोमवार को प्रदीप और कुछ अन्य ग्रामवासी कलेक्ट्रेट पहुँचे और शिकायत सौंपी गई।

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