जबलपुर: आपसी मनमुटाव छोड़ दाम्पत्य संबंध निभाने में ही समझदारी

  • कुटुम्ब न्यायालय का आदेश टूटने से बचाई एक गृहस्थी
  • अदालत ने इस आदेश के जरिये एक गृहस्थी टूटने से बचा ली।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-09 14:10 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कुटुम्ब न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश विवेक कुमार गुप्ता की अदालत ने अपने एक आदेश में कहा कि पति-पत्नी आपसी मनमुटाव छोड़कर दाम्पत्य संबंध निभाने की समझदारी दिखाएँ।

अदालत ने इस आदेश के जरिये एक गृहस्थी टूटने से बचा ली। दरअसल, जबलपुर निवासी कामिनी ने पति जितेंद्र के साथ दाम्पत्य संबंध की प्रत्यास्थापना की माँग को लेकर आवेदन दायर किया था। पत्नी की ओर से अधिवक्ता संदेश दीक्षित ने पक्ष रखा।

उन्होंने दलील दी कि आवेदिका व अनावेदक का विवाह 12 फरवरी, 2017 को हिंदू रीति-रिवाज से हुआ था। जब आवेदिका मायके से विदा होकर ससुराल पहुँची तो अनावेदक की माँ, बड़े भाई, भाभी व बहन ने कहा कि उसके पिता ने दहेज में पलंग, सोफा नहीं दिया, इसलिए पिता से मँगवाए।

आवेदिका ने अपनी बड़ी बहन को सारी जानकारी दे दी। जीजा ने यह जानकारी मिलते ही पलंग, साेफा, अलमारी, गद्दे अनावेदक को दिए। इसके बावजूद उसका परिवार संतुष्ट नहीं हुआ। इस बार दो लाख रुपये व कार की माँग की जाने लगी।

साथ ही प्रताड़ित किया जाने लगा। चार अगस्त, 2017 को आवेदिका रक्षाबंधन पर अपने मायके गई। सात अगस्त को अनावेदक ने फाेन करके कहा कि वह डायवोर्स चाहता है। इस पर आवेदिका ने उसके पास जाकर समझाने का प्रयास किया, लेकिन पति ने साफ कह दिया कि जबरन रहोगी तो मान-सम्मान नहीं मिलेगा। इस पर आवेदिका ने कुटुम्ब अदालत की शरण ली।

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