विडंबना : पंचशील नगर और ज्ञान विहार कॉलोनी के रहवासियों का निकलना दूभर
सीवर लाइन के लिए 6 महीने पहले गड्ढे खोदे, भरना भूले, लोग परेशान
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
नगर निगम ने पंचशील नगर और ज्ञान विहार कॉलोनी में सीवर लाइन डालने के लिए गड्ढे खोदे थे। 6 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी गड्ढे नहीं भरे गए हैं। अब हालत यह है कि लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कॉलोनी में रहने लोग गड्ढों को भरने के लिए नगर निगम को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक गड्ढे नहीं भरे गए हैं।
क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि नगर निगम ने पंचशील नगर और ज्ञान विहार कॉलोनी में दिसंबर में सीवर लाइन डालने के लिए खुदाई की थी। नगर निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि एक महीने में काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद गड्ढे भर दिए जाएँगे। 6 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीवर लाइन के गड्ढे नहीं भरे गए हैं। इससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जल्द ही बारिश शुरू होने वाली है। यदि बारिश के पहले काम पूरा नहीं किया गया तो यहाँ पर हालात बदतर हो जाएँगे।
वाहन-चालक हो रहे दुर्घटना का शिकार
पंचशील नगर और ज्ञान विहार कॉलोनी में सीवर लाइन के गड्ढों में फँसकर वाहन-चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। पिछले 6 महीने में दो दर्जन से अधिक लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इसके बाद भी सीवर लाइन के गड्ढों को भरने का काम नहीं किया जा रहा है।
ठेके में री-स्टोरेशन का प्रावधान
सीवर लाइन के ठेके में सड़कों के री-स्टोरेशन का भी प्रावधान शामिल है। ठेकेदार को सीवर लाइन डालने के बाद सड़कों का री-स्टोरेशन कराना है। इसके बाद ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सड़कों का री-स्टोरेशन किए बिना ही भुगतान किया जा रहा है। अधिकांश जगहों पर री-स्टोरेशन का काम नगर निगम को कराना पड़ रहा है।
कॉलोनी में नहीं आ रही स्कूल बस
पंचशील नगर और ज्ञान विहार कॉलोनी की सड़कों में गड्ढे होने के कारण स्कूल बसें कॉलोनी में नहीं आ रही हैं। इससे लोगों को अपने बच्चों को सड़क पर छोड़ने और लेने जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि जल्द ही स्कूल खुलने वाले हैं। इसके पहले गड्ढे भरने का काम पूरा किया जाए।
पंचशील नगर और ज्ञान विहार कॉलोनी में जल्द ही री-स्टोरेशन का काम कराया जाएगा। इस संबंध में ठेकेदार को निर्देश दिए जाएँगे।
कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री